असमः कर्फ्यू उल्लंघन के आरोप में गिरफ़्तार दुकानदार की पुलिस हिरासत में मौत का आरोप

असम के कछार ज़िले का मामला. बीते 18 जून को कर्फ़्यू के दौरान दुकान खुली रखने के आरोप में दुकानदार बाबुल बानिक को गिरफ़्तार किया गया था. दुकानदार ने पुलिस हिरासत में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें सिलचर मेडिकल कॉलेज रिफ़र कर दिया था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई.

हरियाणा: युवक की हिरासत में मौत के आरोप में 12 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज

परिजनों का आरोप है कि 24 वर्षीय जुनैद को ग़लत तरीके से बीते 31 मई को फ़रीदाबाद की साइबर पुलिस ने हिरासत में लिया गया था और इस दौरान उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया, जिससे उनकी मौत हो गई. हालांकि पुलिस ने आरोप से इनकार करते हुए कहा है कि जुनैद की मौत किडनी संबंधी दिक्कत की वजह से हुई.

यूपीः दलित युवक की कथित तौर पर हिरासत में मौत, तीन पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर​ ज़िले का मामला. एक नाबालिग लड़की के अपहरण के आरोपी दलित युवक की मां की शिकायत के आधार पर तीनों पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज करने के साथ उन्हें निलंबित कर दिया गया है. शिकायतकर्ता का कहना है कि तीनों पुलिसकर्मियों ने उनके बेटे को मारने की मंशा से उसका गला घोंटा और डंडे से बेरहमी से उसकी पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई.

यूपी: 10 लोगों को फ़र्ज़ी केस में फंसाने के आरोप में एसएचओ सहित तीन पुलिसकर्मियों पर एफ़आईआर

बीते चार फरवरी को दो पुलिसवाले एटा ज़िले में आगरा रोड पर स्थित ढाबे पर खाना खाने गए थे, लेकिन उन्होंने उसका भुगतान करने से इनकार कर दिया था. जब ढाबा मालिक ने उनसे पैसे मांगे तब उन्होंने उनकी पिटाई कर दी और लूट के आरोप में ढाबे पर मौजूद ग्राहकों सहित 10 लोगों को फंसा दिया था.

ओडिशाः कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत के दो मामले, जांच के आदेश

ओडिशा के पुरी और सुंदरगढ़ ज़िलों में कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत के मामले सामने आए हैं, जिसे लेकर ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन हंगामा हुआ. अदालत की निगरानी में जांच के लिए ओडिशा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई है.

आंध्र प्रदेशः ऑटो चालक ने परिवार समेत ट्रेन के आगे आकर आत्महत्या की, पुलिस प्रताड़ना का आरोप

यह घटना आंध्र प्रदेश के कर्नूल में तीन नवंबर को हुई. घटना के बाद सामने आए एक वीडियो में ऑटो चालक पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होने की बात कहते नज़र आते हैं. मृतकों में दो बच्चे भी शामिल हैं.

पंजाब: पूर्व डीजीपी को सुप्रीम कोर्ट से संरक्षण मिलने के बाद फ़र्ज़ी मुठभेड़ के अन्य पीड़ित सामने आए

पंजाब में उग्रवाद के दौरान राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी पर प्रताड़ना, लोगों को गायब कराने का आदेश देने और फ़र्ज़ी मुठभेड़ में हत्याएं कराने के कई आरोप लगे हैं.

उत्तर प्रदेश: कथित तौर पर हिरासत में मौत के मामले में एसएचओ के बाद दो पुलिसकर्मी निलंबित

उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िले का मामला. चोरी मामले में युवक को गिरफ़्तार किया गया था. परिवारवालों ने हिरासत में पुलिस प्रताड़ना का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस का कहना है कि पेट में दर्द होने की शिकायत पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां युवक की मौत हो गई.

असम: थाने में गर्भवती महिला सहित तीन बहनों के कपड़े उतारकर पीटा, दो पुलिसकर्मी सस्पेंड

घटना असम के दरांग ज़िले की है. महिलाओं के भाई पर कथित तौर पर एक हिंदू महिला को अगवा करने का आरोप है, जिसकी पूछताछ के लिए उन्हें पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था.

उत्तर प्रदेश: बाइक के काग़ज़ात न दिखा पाने पर युवक को बेरहमी से पीटा, दो पुलिसकर्मी निलंबित

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले का मामला. युवक की शिकायत के बाद सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्र और हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र प्रसाद के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है.

उत्तर प्रदेश: हिरासत में मौत मामले में थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज निलंबित

उत्तर प्रदेश के अमेठी ज़िले का मामला. मृतक के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके बेटे को पीट-पीट कर मार डाला.

छत्तीसगढ़: एसआरपी कल्लूरी का तबादला, बनाया गया परिवहन आयुक्त

विवादित पुलिस अधिकारी आईजी कल्लूरी को बीते दिनों आर्थिक अपराध विभाग और भ्रष्टाचार विरोधी विभाग की ज़िम्मेदारी देने पर भूपेश बघेल सरकार को ख़ासी आलोचना झेलनी पड़ी थी. 15 सांसदों ने कल्लूरी के ख़िलाफ़ जांच के लिए लिखा था सीएम को पत्र.

छत्तीसगढ़: 15 सांसदों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की आईजी कल्लूरी के ख़िलाफ़ जांच की मांग

केरल, असम, तमिलनाडु और त्रिपुरा के 15 सांसदों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आग्रह किया है कि आईजी कल्लूरी के बीते पांच सालों के कार्यकाल की जांच करवाकर उनके किए ग़लत कामों की सज़ा दी जाए.

कल तक कांग्रेस जिस कल्लूरी को ‘अपराधी’ बताती थी, वो आज उन्हें महत्वपूर्ण पद से क्यों नवाज़ रही है?

क्या सत्ता के चरित्र में ही कुछ ऐसा है कि वह आपको अधर्म की ओर ले जाती है? वो भूपेश बघेल जो एसआरपी कल्लूरी को जेल भेजना चाहते थे, वही उन्हें अब महत्वपूर्ण पद सौंप रहे हैं. बघेल कह सकते हैं कि तब वे विपक्ष में थे और उसका कर्तव्य निभा रहे थे और अब उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी उनसे यह काम करवा रही है.

क्या राजनीतिक दबाव में छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारी कल्लूरी को बचाने में लगी है सीबीआई?

सीबीआई की आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक दो गवाहों ने साल 2011 में छत्तीसगढ़ में बस्तर ज़िले के ताड़मेटला गांव में पुलिस अधिकारी एसआरपी कल्लूरी को आदिवासियों के घरों में आग लगाते हुए देखा था, लेकिन जांच एजेंसी की फाइनल चार्जशीट से इसे हटा दिया गया है.