बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी पर गाजीपुर स्थित सदर के एसडीएम प्रभास कुमार ने कहा कि इस समूह को किसी भी जुलूस की अनुमति नहीं थी और उनके पास से जो पर्चे मिले उसमें सीएए-एनआरसी के विरुद्ध भी कुछ बातें थीं. उनकी गिरफ़्तारी केवल अव्यवस्था फैलाने की आशंकाओं पर की गई है.
वीडियो: देश के करीब 30 विश्वविद्यालयों के छात्रों ने उत्तर प्रदेश के हिंसा प्रभावित 15 जिलों में जाकर एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तैयार की है. 'नागरिक सत्याग्रह' नाम की मुहिम के तहत तैयार की गई इस रिपोर्ट से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता मनीष शर्मा से विशाल जायसवाल की बातचीत.
उत्तर प्रदेश के हिंसा प्रभावित 15 ज़िलों में जाकर देश के क़रीब 30 विश्वविद्यालयों के छात्रों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं और कहा गया है कि उसने प्रदर्शन को रोकने और लोगों को खदेड़ने के बजाय लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं और युवाओं ख़ासकर नाबालिगों को निशाना बनाया गया.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में पुलिस ने करीब 259 लोगों पर दंगा करने, आगजनी और हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया और लगभग 82 लोगों को गिरफ़्तार किया था.
नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने उत्तर प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पांच आईपीएस अधिकारियों के ख़िलाफ़ पोस्टिंग के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन को भेजा गया उनका एक गोपनीय दस्तावेज़ मीडिया में लीक हो गया था.
न्यायालय ने उन न्यूज़ रिपोर्ट्स पर संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश राज्य की स्थिति संवैधानिक मूल्यों के ख़िलाफ़ है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 20 दिसंबर को हुए विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा के दौरान तीन युवकों की मौत हो गयी. वहीं, 10 लोग गोली लगने से घायल हुए थे. सभी 13 लोगों के खिलाफ ये एफआईआर दर्ज की जाएगी.
उत्तर प्रदेश के नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा मुख्यमंत्री और डीजीपी को भेजी गई रिपोर्ट तब सार्वजनिक हो गई जब एक कथित वीडियो सेक्स चैट वायरल हो गया था. रिपोर्ट में एसएसपी ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि वे पैसे लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग के साथ केसों और गिरफ्तारियों को भी प्रभावित करते थे. इस संबंध में डीजीपी ने एसएसपी से जवाब मांगा है.
नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर उत्तर प्रदेश के रामपुर में हुई हिंसा के संबंध में प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस जारी किए हैं. नोटिस में इन 28 लोगों को हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का ज़िम्मेदार बताया गया है.
विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में अब तक देशभर में 25 लोगों की मौत हो चुकी है. 18 लोगों की मौत अकेले उत्तर प्रदेश में हुई है जिसमें एक आठ साल का बच्चा शामिल है. वहीं, असम में पांच लोगों की मौत हुई है जबकि मेंगलुरु में दो लोगों की मौत हुई है.
उत्तर प्रदेश में बीते चार दिनों में संशोधित नागरिकता क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में अब तक कुल 16 लोगों की मौत हुई हैं. आठ जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है.
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
शुक्रवार को नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी. मेरठ में पांच लोगों की मौत हुई, कानपुर, बिजनौर और फ़िरोज़ाबाद में दो-दो लोगों की मौत और मुज़फ़्फ़रनगर, संभल और वाराणसी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई थी.