समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान ने भाजपा उम्मीदवार जयाप्रदा के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी की थी जबकि केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने एक संप्रदाय विशेष के बारे में विवादित बयान दिया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए यह रोक लगाई.
वर्ष 2002 में नरेंद्र मोदी के पहले राजनीतिक चुनाव प्रचार ने सबकुछ बदल दिया. पहली बार किसी पार्टी के नेता और उसके मुख्य चुनाव प्रचारक ने मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरा प्रचार अभियान चलाया.
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद से द वायर हिंदी के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह से बातचीत.