वीडियो: किसान आंदोलन के शांतिपूर्ण होने के बावजूद सरकार का रुख कड़ा और अड़ियल है. मुख्यधारा का मीडिया पूरी तरह उसके साथ है. इंटरनेट बैन, किसानों की गिरफ़्तारी के साथ कई पत्रकारों पर भी मामले दर्ज हुए. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता और द वायर के अजॉय आशीर्वाद से उर्मिलेश की बातचीत.
केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी लाल क़िले तक पहुंच गए थे. बताया गया है कि अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू ने वहां एक ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगाया था.
हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली मज़दूर अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर तक़रीबन एक महीने से हिरासत में हैं. परिवार का आरोप है कि वह बीते नवंबर में सिंघू पर किसानों के आंदोलन में शामिल हुई थीं और उन मज़दूरों के लिए भी लड़ रही थीं, जिन्हें नियमित मज़दूरी नहीं मिलती थी.
वीडियो: अपने खेत में व्यस्त रहने वाला किसान समय-समय पर अपने लिए हक़ की आवाज़ बुलंद करता रहा है. देश की आज़ादी से पहले की बात हो या आज़ादी के बाद की किसान अपना हक़ हुक्मरानों से मांगते रहे हैं.
पिछले सत्तर दिनों से तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हो रहे किसान आंदोलन का केंद्र बने धरनास्थलों में से एक ग़ाज़ीपर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग बढ़ाने के साथ, कंटीले तार और कीलें गाड़ दी गई हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसका मक़सद दिल्ली और आसपास के इलाकों से आने वाले लोगों को रोकना है.
रालोद पार्टी के पूर्व विधायक वीरपाल सिंह राठी ने कहा कि 31 जनवरी को बड़ौत तहसील में एक महापंचायत में शामिल होने से एक दिन पहले उन्हें और छह अन्य लोगों को नोटिस मिला था. महापंचायत में फैसला किया गया था कि क्षेत्र के लोग दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन में शामिल होने के लिए गाजीपुर और सिंघू बॉर्डरों के लिए कूच करेंगे.
क्या सरकार आंदोलनकारी अन्नदाताओं के इरादों से सचमुच डर गई है और इसीलिए ऐसी सियासत पर उतर आई है, जो अन्नदाताओं के रास्ते में दीवारें उठाकर, कंटीले तार बिछाकर और गिरफ़्तार करके उनसे कह रही है कि आओ वार्ता-वार्ता खेलें?
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली के टिकरी, सिंघू और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिस द्वारा की गई क़िलेबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हम चक्काजाम नहीं कर रहे हैं, वहां तो राजा ने ख़ुद क़िलेबंदी कर ली है.
शिरोमणि अकाली दल, द्रमुक, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस समेत इन पार्टियों के 15 सांसदों को पुलिस ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने नहीं दिया. इनका कहना है कि कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों की स्थिति जेल के कै़दियों जैसी है.
वीडियो: दो महीने से ज़्यादा समय से किसान आंदोलन का केंद्र बने दिल्ली की तीनों सीमाओं पर पिछले कुछ दिनों से पुलिस द्वारा बढ़ाई गई बैरिकेडिंग के कारण किसानों को पानी, शौचालय से लेकर सफाई तक की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वीडियो: दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस द्वारा बढ़ाई गई बैरिकेडिंग से किसानों और आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तीनों ही राजधानी की तीनों सीमाओं को काफी दूर तक कंटीले तारों से घेर दिया गया है और टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने धरना स्थल तक जाने वाली सड़कों पर लोहे की कीलें भी गाड़ दी हैं.
हिंसा का एकाधिकार सरकार के पास होता है और उसे नियंत्रित रखने के लिए संवैधानिक सीमाएं हैं. लेकिन सरकार इनका अतिक्रमण करती रहती है. उसकी अनधिकार हिंसा पर कोई सवाल न उठे, इसलिए वह जनता के एक हिस्से को यह बताती है कि वह उसकी तरफ से हिंसा का प्रयोग कर रही है.
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट का यह बयान अमेरिकी गायिका रिहाना समेत कई हस्तियों के किसान आंदोलन के समर्थन पर भारतीय विदेश मंत्रालय की आलोचना पर आया है. विभाग ने यह भी कहा कि अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारतीय बाज़ार को बेहतर बनाते हैं और बड़े स्तर पर निजी निवेश आकर्षित करते हैं.
पिछले हफ़्ते में महाराष्ट्र के पुणे में एल्गार परिषद के कार्यक्रम में एक भाषण के संबंध में पुणे में केस दर्ज होने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी के ख़िलाफ़ यूपी पुलिस ने लखनऊ में केस दर्ज किया है. उन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने का भी आरोप लगा है.
वीडियो: ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस द्वारा की गई सख़्त घेराबंदी से प्रदर्शनकारियों से लेकर आम जनता तक को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, सड़क पर गाड़ी गईं कीलों के कारण प्रदर्शनकारी घायल भी हो रहे हैं. मेडिकल कैंप के डॉक्टरों का दावा है कि अब तक कम से कम 20 प्रदर्शनकारी कीलों से घायल हो चुके हैं. विशाल जायसवाल की रिपोर्ट.