नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला का कहना है कि वे अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को दोबारा लागू करवाने और जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए आख़िरी सांस तक शांतिपूर्ण ढंग से लड़ेंगे.
भाजपा की विचारधारा का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुसलमान जिगर का टुकड़ा है और सांप्रदायिक राजनीति का सवाल ही पैदा नहीं होता.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ जो पीएसए लगाने के लिए जो आरोप लगाए गए हैं उनमें उनकी बड़ी संख्या में वोट हासिल करने की क्षमता का जिक्र किया गया है. वहीं, खतरनाक साजिश रचने की क्षमता के कारण पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 'डैडी गर्ल' और 'कोटा रानी' कहा गया.
इसके साथ ही दो अन्य नेताओं पर भी इस कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के सरताज मदनी शामिल हैं. पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने से पहले हिरासत में लिया गया था.
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीडीपी नेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से मुलाकात की अनुमति दी थी. राज्यपाल ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पर्यटकों के लिए जारी सुरक्षा परामर्श वापस लेने का निर्देश दिया. 10 अक्टूबर से आ सकते हैं पर्यटक.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक दिन पहले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल को फारूक और उमर अब्दुल्ला से मिलने की मंजूरी दी थी.