ग्राउंड रिपोर्ट: मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के कांटी में बना एनटीपीसी का थर्मल पावर प्लांट स्थानीयों के लिए नौकरियों और विकास के सपनों के साथ शुरू हुआ था, लेकिन आज आजीविका की जद्दोजहद में लगे स्थानीय लोग प्लांट से निकल रही ज़हरीली गैस और राख़ के चलते रोगों से घिरे हैं, जिनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है.
रिहंद सरोवर में औद्योगिक कचरा डाले जाने के कारण मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित इस परियोजना के ख़िलाफ़ याचिका दायर की गई है. कहा गया है कि इस साल अप्रैल में ऐश डैम टूटने से संयंत्र से निकलने वाली राख आसपास के खेतों में फैल गई. इससे कथित तौर पर छह ग्रामीणों की मौत हो गई, जिसमें तीन नाबालिग भी शामिल थे.
फ्लाई ऐश में भारी धातु जैसे आर्सेनिक, सिलिका, एल्युमिना, पारा और आयरन होते हैं, जो दमा, फेफड़े में तकलीफ, टीबी और यहां तक कि कैंसर तक का कारण बनते हैं.