मामला मलप्पुरम ज़िले का है, जहां स्कूल में काउंसिलिंग के दौरान सातवीं कक्षा की छात्रा ने इस बारे में बताया. बच्ची का पिता बेरोज़गार है और ऐसा बताया जा रहा है कि पहले उसने बच्ची की मां को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने देश में बच्चों के साथ बढ़ते बलात्कार के मामलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस बारे में दिशानिर्देश तैयार करने का निर्णय लिया है. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि इस साल अब तक दर्ज 24 हज़ार से अधिक मामलों में से सिर्फ 6,449 मामलों में सुनवाई शुरू हुई है.
घटना छिंदवाड़ा ज़िले की है. 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ महुआ टोला के जंगलों में दो लोगों ने दुष्कर्म किया, वह उनके चंगुल से निकल भागी तो रास्ते में तीन अन्य लोगों ने फिर बलात्कार किया.
पुरुषत्व और मर्दवाद की स्थापना के चलते लड़कों के लैंगिक शोषण को महत्वहीन विषय माना गया है. यदि कोई यह शिकायत करता है तो उसे अपमान झेलना पड़ता है और कमज़ोर माना जाता है.