2019 की पहली छमाही में बच्चों से बलात्कार के 24 हज़ार से ज़्यादा मामले दर्ज हुए

सुप्रीम कोर्ट ने देश में बच्चों के साथ बढ़ते बलात्कार के मामलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस बारे में दिशानिर्देश तैयार करने का निर्णय लिया है. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि इस साल अब तक दर्ज 24 हज़ार से अधिक मामलों में से सिर्फ 6,449 मामलों में सुनवाई शुरू हुई है.

/
New Delhi: A view of Supreme Court of India in New Delhi, Thursday, Nov. 1, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI11_1_2018_000197B)
(फोटो: पीटीआई)

सुप्रीम कोर्ट ने देश में बच्चों के साथ बढ़ते बलात्कार के मामलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस बारे में दिशानिर्देश तैयार करने का निर्णय लिया है. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि इस साल अब तक दर्ज 24 हज़ार से अधिक मामलों में से सिर्फ 6,449 मामलों में सुनवाई शुरू हुई है.

New Delhi: A view of Supreme Court of India in New Delhi, Thursday, Nov. 1, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI11_1_2018_000197B)
(सुप्रीम कोर्ट: पीटीआई)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने देश में बढ़ रहे बच्चों के बलात्कार के मामलों पर शुक्रवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए इससे निपटने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने का फैसला किया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि इस साल एक जनवरी से 30 जून के बीच देशभर में बच्चों के बलात्कार के मामले में 24,212 एफआईआर दर्ज हुई है.

पीठ ने कहा कि इनमें से 11,981 मामलों की जांच की जा रही है और 12,231 मामलों में चार्जशीट दायर की गई है.

पीठ ने कहा कि सिर्फ 6,449 मामलों में सुनवाई शुरू हुई है. यह काफी चौंकाने वाला है कि बाकी मामलों में अभी तक सुनवाई क्यों नहीं शुरू हुई.

पीठ का कहना है कि निचली अदालतों ने अब तक सिर्फ 911 मामलों पर फैसला लिया है, जो कुल दर्ज मामलों का लगभग चार फीसदी है.

अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरी से इस मामले में एमिक्स क्यूरी (न्यायमित्र) के तौर पर सहयोग करने को कहा. उन्हें यह सुझाव देने को कहा कि इन मामलों के जल्द निपटारे के लिए क्या किया जा सकता है.

पीठ ने गिरी से कहा, ‘इनकी कमियों की तरफ देखें.’ अदालत ने कहा कि इन मामलों में अदालत के समक्ष पेश किए गए राज्यवार ब्योरे और सामूहिक आंकड़े गिरी को उपलब्ध कराए जाएं. इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि इन मामलों में सरकार भी समान तौर पर चिंतित है और इस संबंध में वह अदालत को हरसंभव सहयोग देगी.

चीफ जस्टिस गोगोई ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि मेहता और गिरी इस मामले में सहयोग करेंगे अन्यथा इन मामलों से निपटना मुश्किल हो जाएगा.

मेहता ने अदालत से अनुरोध किया कि वह केवल उन्हीं रिपोर्टों पर संज्ञान लें जो अदालत की रजिस्ट्री की ओर से आई हों. पोर्टल या अन्य किसी जगह से चर्चा में आए मामलों पर अदालत  संज्ञान न लें क्योंकि इनमें तथ्यात्मक विसंगतियां हो सकती हैं.