उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पांच दिसंबर को ज़मानत पर छूटे सामूहिक बलात्कार के आरोपियों ने मामले की सुनवाई के लिए अदालत जा रही युवती को ज़िंदा जला दिया था.
हैदराबाद में महिला डॉक्टर के सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में मार दिए जाने की घटना पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह एनकाउंटर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में पुलिस की नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया गया है.
हैदराबाद में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सभी चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद लोग पुलिस के समर्थन में सामने आए हैं, वहीं इस एनकाउंटर की जांच की मांग भी उठ रही है.
सामूहिक बलात्कार की पीड़िता को आरोपियों द्वारा जिंदा जलाए जाने के बाद हालत नाजुक होने पर पीड़िता को एयरलिफ्ट कराकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया.
बीते 27 नवंबर को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के बाहरी इलाके में सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर की चार युवकों ने बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी.
मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव का है. सामूहिक बलात्कार के आरोपियों ने ज़मानत पर जेल से रिहा होने के बाद दोस्तों के साथ मिलकर पीड़िता पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. इस मामले में सभी पांचों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
महिलाओं की सुरक्षा की चिंता और उनको हिंसा, बलात्कार आदि से बचाने को लेकर कड़े क़ानून बनाने का नेताओं का आश्वासन उनके दिए महिला-विरोधी बयानों के बरक्स बौना नज़र आता है.
हैदराबाद में हुए महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में मीडिया संस्थानों द्वारा पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर दिल्ली के एक वकील ने याचिका दायर की है. गृह मंत्रालय के निर्देश हैं कि बिना अदालत की अनुमति के किसी भी स्थिति में पीड़िता का नाम उजागर नहीं किया जा सकता.
राजस्थान के टोंक ज़िले का मामला. बच्ची शनिवार को एक स्कूली कार्यक्रम में हिस्सा लेने गई थी लेकिन वापस नहीं लौटी. बच्ची का शव अगले दिन पास के एक गांव से बरामद किया गया.
27 नवंबर की रात को काम से लौट रहीं एक महिला डॉक्टर को मदद का झांसा देकर उनका अपहरण कर बलात्कार किया गया. अगली सुबह उनका अधजला शव पास के फ्लाईओवर के नीचे से बरामद हुआ. मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
घटना हैदराबाद के शमशाबाद की है. बुधवार रात को काम से लौट रहीं 27 साल की महिला डॉक्टर को मदद का झांसा देकर उनका अपहरण किया गया. अगली सुबह उनका अधजला शव पास के फ्लाईओवर के नीचे से बरामद हुआ.
कोच्चि के नज़दीक स्थित पेरुम्बवूर की घटना. मृतक महिला एर्नाकुलम ज़िले के कुरुप्पमपाड़ी की निवासी थीं. हत्या के संबंध एक प्रवासी मज़दूर को गिरफ़्तार किया गया है.
साल 2012 में दिल्ली में निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों- मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को निचली अदालत ने साल 2013 में फांसी की सज़ा सुनाई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस सज़ा को बरक़रार रखा था और सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज कर दी थी.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में मॉब लिंचिंग के आंकड़ों को शामिल नहीं किए जाने पर सफाई देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि उन आंकड़ों को इसलिए नहीं शामिल किया गया, क्योंकि वे अविश्वसनीय थे और उनमें ग़लत सूचनाओं के शामिल होने का ख़तरा था.