गैर-सरकारी संस्था सीएसई ने भारतीय बाज़ारों में उपलब्ध कुछ खाद्य पदार्थों का परीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि 32% खाद्य पदार्थ जेनेटिकली मॉडिफाइड यानी जीएम पॉजिटिव हैं, जिन्हें सरकारी मंज़ूरी के बिना नहीं बेचा जा सकता.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने आरोप लगाया कि बीज की बहुराष्ट्रीय कंपनी मॉनसैंटो ने देश के कपास किसानों का शोषण करके करीब 7,000 करोड़ रुपये बनाए.