अदालत ने जांच एजेंसियों से पूछा कि क्या अधिकारियों के बीच सामंजस्य की कमी है या फिर अधिकारियों ने अपनी जांच मात्र मोबाइल फोन रिकॉर्ड तक सीमित कर दी है.
मल्टीप्लेक्स में खाद्य पदार्थ ले जाने पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ लगाई जनहित याचिका में दावा किया गया है कि ऐसा कोई क़ानूनी या संवैधानिक प्रावधान नहीं है जो थिएटर के अंदर अपनी भोजन सामग्री या पानी ले जाने से रोकता है.
दक्षिणी मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर 2016 में हुए 'मेक इन इंडिया' समारोह के चलते समुद्री तट को काफी नुकसान हुआ है. अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत करने को भी कहा है.
अनेक ‘शुभचिंतक’ दलों के बावजूद भेदभावों के ख़िलाफ़ दलितों की लड़ाई अभी लंबी ही है. ये ‘शुभचिंतक’ दल दलितों के वोट तो पाना चाहते हैं लेकिन उन पर हो रहे अत्याचारों के लिए जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं.
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी उस परिपत्र का हवाला दिया था जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को ‘दलित’ शब्द का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी गई थी.
याचिकाकर्ता दीवानी अदालत के न्यायाधीश हैं. उनका दावा था कि उनके ख़िलाफ़ शुरू की विभागीय जांच उन दिशा-निर्देशों के उलट है जिनके तहत किसी न्यायिक अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू करने से पहले लिखित शिकायत एवं विधिवत शपथ पत्र देना ज़रूरी है.
जज लोया मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी जनहित मामलों के लिए नुकसानदेह साबित होगी.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूछा कि क्या उस नतीजे के बारे में सोचा गया जो पीड़िता को भुगतना पड़ सकता है? बलात्कार और हत्या की सजा एक जैसी हो जाने पर कितने अपराधी पीड़ितों को ज़िंदा छोड़ेंगे?
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि इस देश में कोई भी संस्थान सुरक्षित नहीं है, भले ही वो न्यायपालिका ही क्यों न हो. भारत की छवि अपराध और बलात्कार वाले देश की बन गई है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जज लोया की 'संदिग्ध' मौत पर स्वतंत्र जांच की याचिका ख़ारिज करने के बाद परिवार ने कहा अब किसी पर विश्वास नहीं.
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस से जुड़े जज बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में स्वतंत्र जांच की मांग को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ठुकराए जाने के बाद वकील प्रशांत भूषण का बयान.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि कहा कि बीएच लोया की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी. याचिकाएं न्यायपालिका को बदनाम करने का प्रयास हैं.
हाईकोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया है कि टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया से जन्मी एक बच्ची को वह एक नया जन्म प्रमाण पत्र जारी करे जिसमें उसके जैविक पिता का नाम न हो.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि सिनेमाघरों में बिकने वाले खाने के सामान और पानी की बोतलों की कीमत बहुत ज़्यादा होती है. हमने ख़ुद ही यह अनुभव किया है. सिनेमाघरों को इन्हें सामान्य क़ीमतों पर बेचना चाहिए.
मामले में अब तक पेश हुए 53 गवाहों में से 35 अपने बयान से पलट चुके हैं.