ग्राउंड रिपोर्ट: होली के पहले बनारस में चुनाव का रंग चढ़ा हुआ है और यहां का माहौल देखकर लगता है कि इस बार की होली कुछ ज़्यादा ही लाजवाब होने वाली है.
‘जन की बात’ की 12वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ देश की जीडीपी और पश्चिम बंगाल में बाल तस्करी में भाजपा नेताओं के नाम आने पर चर्चा कर रहे हैं.
पूर्वांचल में इन दिनों मतदान हो रहा है, लेकिन विकास का मुद्दा वहां से पूरी तरह गायब है.
संघ ब्रिगेड द्वारा उनकी विचारधारा के ख़िलाफ़ उठने वाली हर आवाज़ को दबाने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है.
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पत्नी समेत जेल में बंद पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी भी पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में हैं. वे जेल से ही महराजगंज ज़िले की नौतनवा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव प्रचार की कमान उनकी बहनों के हाथ में है.
इस चरण में भाजपा के हिंदुत्ववादी नेता सांसद महंत आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर और माफिया-राजनेता मुख्तार अंसारी के क्षेत्र मऊ तथा केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के संसदीय क्षेत्र देवरिया में चुनाव पर खास नजर रहेगी.
निर्भया बलात्कार कांड के चार साल बाद भी उनके गांव मेदौरा कलां की हालत जस की तस है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और दूसरे नेताओं की ओर से किए गए वादे अभी भी ज़मीन पर नहीं उतरे हैं.
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव पर बसपा नेता सुधींद्र भदौरिया के साथ द वायर के अमित सिंह की बातचीत.
जलपाईगुड़ी बाल तस्करी मामले में पश्चिम बंगाल भाजपा की महिला नेता जूही चौधरी को सीआईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय और रूपा गांगुली का भी नाम सामने आया है.
2002 के गुजरात दंगों में विस्थापित हुए लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. दंगों के 15 साल बाद भी उनके पास न ज़मीन है न आधारभूत सुविधाएं.
घुमंतू समुदाय गांव के सार्वजनिक और सांस्कृतिक जीवन में घुले-मिले हैं. वे विकसित हो रहे जनतंत्र में अपना स्पष्ट हिस्सा मांग रहे हैं.
नोटबंदी से लोगों को तमाम परेशानियां हुईं, फिर भी ज्यादातर लोग नरेंद्र मोदी सरकार के इस कदम से ख़ुश क्यों हैं?
2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान अति-उत्साही काशी की जनता, तीन साल बाद विधानसभा चुनाव में ऊर्जाविहीन लग रही है.
'मिसाल दी जाती है कि छोटा मुंह बड़ी बात. लेकिन यहां तो बड़ा मुंह छोटी बात हो रही है. प्रधानमंत्री नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं. अरे! 1.31 अरब के वज़ीरे आज़म! भूखे को रोटी दो. नंगे को कपड़ा दो. कब्रिस्तान और श्मशान मत दो.'
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कई नेताओं के धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले बयानों पर संज्ञान लेते हुए चुुनाव आयोग ने आत्मसंयम बरतने की नसीहत दी है.