हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य में इस क़ानून के क्रियान्वयन से लोगों की दुकानों, मकानों, सरकारी कार्यालयों, वाहनों, बसों या किसी अन्य संपत्ति को किसी आंदोलन की आड़ में पहुंचाए गए नुकसान की प्रदर्शनकारियों से भरपाई की जाएगी. इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली का प्रावधान करने वाला विधेयक पारित किया जा चुका है.
रोहतक ज़िले के अस्थल बोहर में शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज में कई लोग घायल हुए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि वे राज्य के भाजपा नेताओं और सरकार के लगातार किसान विरोधी भाषण और व्यवहार से अपमानित महसूस कर रहे हैं.
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों के विरोध करते हुए आरोप लगाया कि विधेयक लाने का निर्णय कृषि क़ानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन से जुड़ा है. राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि विपक्ष कह रहा हैं कि हम इसे किसान आंदोलन के लिए ला रहे हैं, लेकिन इसका आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है.
हरियाणा सरकार ने इस महीने की शुरुआत में निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के युवाओं के लिए 75 फीसदी आरक्षण देने वाले क़ानून को मंज़ूरी दी थी. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि यह क़ानून कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 88 सदस्य हैं. अविश्वास प्रस्ताव पर छह घंटे चली चर्चा के बाद प्रस्ताव के ख़िलाफ़ 55 और पक्ष में 32 मत पड़े. सदन में राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक ने कहा कि कृषि क़ानूनों के चलते भाजपा-जेजेपी नेताओं को उनके गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है.
हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार विधेयक में निजी क्षेत्र की ऐसी नौकरियों में स्थानीय युवाओं के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया, जिनमें वेतन प्रति माह 50,000 रुपये से कम है. इस विधेयक के प्रावधान निजी कंपनियों, सोसाइटियों, ट्रस्टों और साझेदारी वाली कंपनियों पर भी लागू होंगे.
किसान आंदोलन से हुए राजनीतिक नुकसान को निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से भाजपा द्वारा विभिन्न राज्यों में बैठकें की जा रही हैं. गुड़गांव में हुई ऐसी बैठक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से एक कार्यकर्ता प्रदर्शनकारी किसानों को 'बहकाने का मंत्र' देने की बात कहते नज़र आ रहा है.
रोहतक में शुक्रवार शाम एक अखाड़े में हुई गोलीबारी में अखाड़ा संचालक कोच मनोज मलिक, उनकी पत्नी, एक कुश्ती प्रशिक्षक और दो महिला खिलाड़ियों की मौत हो गई थी. पुलिस के अनुसार आरोपी कोच को मारी गई एक खिलाड़ी के उत्पीड़न के आरोप में अखाड़े से बर्ख़ास्त किया गया था, उसने प्रतिशोध के लिए ऐसा किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की बैठक के बाद ये कदम उठाया गया है. राज्य की भाजपा नीत सरकार नए कृषि क़ानूनों को लेकर किसानों के भारी विरोध का सामना कर रही है.
हरियाणा के करनाल ज़िले के कैमला गांव में बीते 10 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया था. आरोप है कि भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने तोड़फोड़ के लिए लोगों को उकसाया था.
हाल के दिनों में जनता द्वारा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दौरे पर उनका हेलीकॉप्टर न उतरने देना, मेयर के चुनाव में अंबाला में मुख्यमंत्री का विरोध होना और इसी चुनाव में सोनीपत और अंबाला जैसी शहरी सीटें हारना इस बात के संकेत हैं कि राज्य में भाजपा की स्थिति कमज़ोर हो रही है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल के कैमला गांव में केंद्र के तीनों कृषि क़ानूनों का फायदा बताने के लिए एक किसान महापंचायत का संबोधित करने वाले थे. पुलिस ने किसानों को कार्यक्रम में बांधा डालने से रोकने के लिए लाठीचार्ज करने के साथ उन पर आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आगामी नगर निकाय चुनाव के प्रचार के लिए बीते मंगलवार को एक जनसभा करने अंबाला गए थे. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने उन्हें काले झंडे दिखाए और सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की थी.
लॉकडाउन के बाद हरियाणा सरकार ने बीते दो नवंबर को 12वीं कक्षा तक के स्कूलों को फिर से खोल दिया था. स्कूल खुलने के बाद विभिन्न जिलों के 300 से अधिक बच्चे संक्रमित पाए गए हैं.
हरियाणा सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दिया है कि सरकार तथा निजी अस्पतालों के डॉक्टरों, नर्सों, पुलिस और अदालत के अधिकारियों समेत ज़रूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ई-पास दिखाने पर दिल्ली-हरियाणा के बीच आवाजाही की अनुमति दी जाएगी.