27 नवंबर की रात को काम से लौट रहीं एक महिला डॉक्टर को मदद का झांसा देकर उनका अपहरण कर बलात्कार किया गया. अगली सुबह उनका अधजला शव पास के फ्लाईओवर के नीचे से बरामद हुआ. मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
घटना झारखंड की राजधानी रांची में 26 नवंबर को हुई. छात्रा अनुसूचित जनजाति की है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार), 120बी (आपराधिक षडयंत्र) और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.
घटना हैदराबाद के शमशाबाद की है. बुधवार रात को काम से लौट रहीं 27 साल की महिला डॉक्टर को मदद का झांसा देकर उनका अपहरण किया गया. अगली सुबह उनका अधजला शव पास के फ्लाईओवर के नीचे से बरामद हुआ.
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद का मामला. महिला तहसीलदार को जलाने के दौरान कथित आरोपी भी जला. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर ज़िले के एक डिग्री कॉलेज का मामला. छात्राओं ने राज्य के उच्च शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि कॉमर्स विभाग के प्रमुख के तौर पर कार्यरत प्रोफेसर अक्सर क्लास में नहीं आते हैं. ड्यूटी के दौरान शराब पीते हैं और असाइनमेंट के नाम पर छात्राओं का शोषण करते हैं.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में मॉब लिंचिंग के आंकड़ों को शामिल नहीं किए जाने पर सफाई देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि उन आंकड़ों को इसलिए नहीं शामिल किया गया, क्योंकि वे अविश्वसनीय थे और उनमें ग़लत सूचनाओं के शामिल होने का ख़तरा था.
साल 2017 की एनसीआरबी रिपोर्ट पूरे एक साल की देरी से जारी की गई है. इस रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं.
हालांकि, अपनी बेटी के आरोपों को ख़ारिज करते हुए मध्य प्रदेश के भाजपा नेता सुरेंद्रनाथ सिंह ने कहा कि उनकी बेटी अवसाद से पीड़ित है.
ऐसे में जब देश में महिलाओं का कोई वास्तविक प्रतिनिधित्व ही नहीं बचा और सरकार में नारी शक्ति की मिसाल मानी जाने वाली तथाकथित जुझारू नेता भाजपा नेताओं या समर्थकों द्वारा किए उत्पीड़न के कई मामलों पर मुंह सिलकर बैठ चुकी हैं, तो कैसे सरकार से किसी न्याय की उम्मीद लगाई जाए?
सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली की अदालत को बताया कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता का 2017 में कथित रूप से अपहरण करने के बाद तीन लोगों ने अलग-अलग जगहों पर ले जाकर नौ दिन तक उसका बलात्कार किया और उस समय वह नाबालिग थी.
मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के बेहड़ी गांव की 24 वर्षीय सामूहिक बलात्कार पीड़िता से क़रीब एक साल पहले तीन लोगों ने बलात्कार किया था और तब से आरोपी ज़मानत पर हैं. आत्महत्या करने से पहले पीड़िता ने अपने हाथ पर आरोपियों के नाम लिखे थे.
मामला मलप्पुरम ज़िले का है, जहां स्कूल में काउंसिलिंग के दौरान सातवीं कक्षा की छात्रा ने इस बारे में बताया. बच्ची का पिता बेरोज़गार है और ऐसा बताया जा रहा है कि पहले उसने बच्ची की मां को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया था.
बीते 19 सितंबर को स्कूल जा रही छात्रा को एसयूवी सवार दो लोगों ने अगवा कर उसका सामूहिक बलात्कार किया. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
वीडियो: हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर द वायर के डिप्टी एडिटर गौरव विवेक भटनागर की प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला से बातचीत.