पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने के फ़ैसले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सत्र अदालत को नोटिस भेजा है. हाईकोर्ट ने कहा कि सत्र अदालत का निर्णय रेप पीड़िताओं के लिए मैनुअल जैसा है जहां यह बताया गया है कि ऐसे मामलों में एक पीड़िता को कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए.
एक सत्र अदालत द्वारा पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने को गोवा सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. सरकार ने कहा कि मामले में दोबारा सुनवाई इसलिए हो क्योंकि जज ने पूछताछ के दौरान शिकायतकर्ता से निंदनीय, असंगत और अपमानजनक सवाल पूछने की मंज़ूरी दी.
तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने का फ़ैसला पीड़ित महिलाओं को लेकर प्रचलित पूर्वाग्रहों पर आधारित है. उचित संदेह के आधार पर हुई न्यायिक जांच से मिली बेगुनाही का विरोध कोई नहीं करता, पर इस बात पर ज़ोर देना चाहिए कि बलात्कार की सर्वाइवर्स को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर ज़रूर मिले.
बीते 21 मई को गोवा की एक सत्र अदालत ने पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने के मामले से बरी करते हुए कहा था कि घटना का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और शिकायतकर्ता की ‘सच्चाई पर संदेह पैदा करने’ वाले ‘तथ्य’ मौजूद हैं.
तहलका के संस्थापक और संपादक तरुण तेजपाल को सहकर्मी से यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करते हुए गोवा की सत्र अदालत की जज क्षमा जोशी ने कहा कि घटना का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और शिकायतकर्ता की 'सच्चाई पर संदेह पैदा करने' वाले 'तथ्य' मौजूद हैं. गोवा सरकार ने इस निर्णय को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने के फ़ैसले पर महिला पत्रकारों के संगठनों और कार्यकर्ताओं ने मामले की सर्वाइवर के साथ एकजुटता जताई है. एक संगठन ने कहा कि यह मामला शक्ति के असंतुलन का प्रतीक है जहां महिलाओं की शिकायतों पर निष्पक्षता से सुनवाई नहीं होती.
पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्विटर पर धमकियां मिलने के बाद उदयपुर पुलिस से शिकायत की थी. पुलिस ने बताया कि छात्र ने स्वीकार किया कि रोहिणी की किसान रैली पर रिपोर्टिंग से नाराज़गी के कारण उसने सिंह को धमकी भरे मैसेज भेजे.
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर इस महीने की शुरुआत में कम से कम 274 पत्रकारों को जेल जाना पड़ा जिनमें 36 महिला पत्रकार हैं. पत्रकारों को जेल में रखने के मामले में चीन सबसे ऊपर है.
हैदराबाद पुलिस ने कहा कि पत्रकार के चैनल के डिबेट में आए एक मेहमान ने उनके खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया है, जिसके आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया है.
साक्षात्कार: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और मीटू आंदोलन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर जानी-मानी इतिहासकार व नारीवादी उमा चक्रवर्ती और आंबेडकर विश्वविद्यालय की शिक्षक वसुधा काटजू से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
#मीटू: पत्रकार विद्या कृष्णन ने 15 साल पहले हुई घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि एक असाइनमेंट के दौरान गौरव सावंत ने उनके साथ छेड़छाड़ और बदसलूकी की. विद्या उस समय ‘द पॉयनियर’ अख़बार में काम करती थीं.
सोमवार शाम को मंदिर खोला जाएगा. विश्व हिंदू परिषद और हिंदू ऐक्यावेदी जैसे कई हिंदूवादी संगठनों ने संयुक्त रुप से मीडिया संपादकों को लिखे पत्र में कहा कि महिला पत्रकारों की वजह से विरोध प्रदर्शन और भड़क सकता है.
पल्लवी गोगोई ने ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में एक लेख में अपनी जिंदगी के ‘सबसे कष्टकारी क्षणों’ के बारे में एमजे अकबर द्वारा किए गए उत्पीड़न को बताया. अकबर ने पल्लवी गोगोई द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को नकारा है, पत्नी ने भी किया बचाव.
लेखक और सलाहकार सुहेल सेठ पर मीटू अभियान के तहत अब तक छह महिलाएं यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी हैं.
मीटू अभियान के तहत पूर्व संपादक एमजे अकबर पर तकरीबन 16 महिलाएं यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी हैं.