मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाली 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की निंदा करने वाले साहित्य और कला क्षेत्र की 180 से अधिक हस्तियों में अभिनेता नसीरूद्दीन शाह भी शामिल थे.
माना जाता है कि जब भी एनडीए सत्ता में आती है, इसकी डोर आरएसएस के हाथों में होती है. लेकिन 2019 के विजयादशमी भाषण के अधिकांश हिस्से में संघ प्रमुख मोहन भागवत का मोदी सरकार के बचाव में बोलना उनके घटते महत्व की ओर इशारा करता है.
बिहार पुलिस ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप शरारतपूर्ण हैं और उनमें कोई ठोस आधार नहीं है. इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करवाने वाले स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा पर कार्रवाई की जाएगी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि संघ का नाम लेकर, हिंदुओं का नाम लेकर एक षडयंत्र चल रहा है, यह सबको समझना चाहिए. लिंचिंग कभी हमारे देश में रहा नहीं, आज भी नहीं है.
मामला झारखंड के कोडरमा जिले का है. रेलवे कॉलोनी में चोरी के शक में स्थानीय लोगों ने करीब 30 वर्षीय सुनील कुमार यादव की कथित तौर पर पिटाई कर दी. इसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान सुनील की मौत हो गई.
बिहार के कैमूर ज़िले के भभुआ शहर का मामला. पार्षद पुत्र पर एक युवक की गोली मारकर हत्या करने का आरोप था. घटना के बाद तनाव का माहौल.
देशभर में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाले विभिन्न क्षेत्रों की 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ राजद्रोह, शांति भंग और उपद्रव के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.
बिहार के वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुज़फ़्फ़रपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद यह एफआईआर दर्ज हुई है.
गुजरात के जामनगर में हुई घटना में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. नई दिल्ली में हुई घटना में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है.
यह घटना झारखंड के खूंटी जिले की है. पुलिस का कहना है कि रविवार सुबह लगभग 10 बजे के आसपास भीड़ ने तीन लोगों पर उस वक्त हमला किया, जब ये लोग कथित तौर पर एक जानवर के शव से मांस निकाल रहे थे.
वीडियो: हम भी भारत की इस कड़ी में युवा कवि नवीन चौरे से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
इससे पहले झारखंड पुलिस ने तबरेज़ अंसारी की मॉब लिंचिंग मामले के 11 आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र में हत्या की धारा 302 के स्थान पर गैर इरादतन हत्या की धारा 304 लगा दी थी.
आसनसोल में बच्चा चोर होने के संदेह में भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, वहीं कूच बिहार में भीड़ ने एक मानसिक रूप से कमज़ोर व्यक्ति की बच्चा चोरी के संदेह में पिटाई की, जिसे पुलिस द्वारा बचाया गया.
अपराध जितना भी जघन्य हो आरोपी को सज़ा देना क़ानून का काम है न कि समाज और भीड़ का. उसमें चाहे जितना समय लगे या गलतियां भी हों, जनता द्वारा क़ानून हाथ में लेने को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता.
बीते जून में झारखंड के सरायकेला खरसावां में तबरेज़ अंसारी की चोरी के आरोप में भीड़ ने बेरहमी से पिटाई की थी, जिसके कुछ रोज़ बाद अंसारी की मौत हो गई थी.