अजय आशीर्वाद बता रहे हैं कि आज़ादी की लड़ाई पर आधारित एक किताब को पिछले दो सालों से भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद प्रकाशन की अनुमति नहीं दे रहा है.
जन गण मन की बात की 108वीं कड़ी में विनोद दुआ बलात्कार मामले में गुरमीत राम रहीम को मिली सज़ा पर चर्चा कर रहे हैं.
बिहार के पटना स्थित गांधी मैदान में तैयार हुई महागठबंधन की भूमिका, बसपा, माकपा को छोड़ 21 विपक्षी दलों की जुटान.
जन गण मन की बात की 107वीं कड़ी में विनोद दुआ स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में होने जा रहे फेरबदल पर चर्चा कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, सरकार इस मुद्दे पर संरचनात्मक और व्यवस्थित तरीके से विचार करेगी.
यह नियम जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय के लिए अभी लागू नहीं होगा. इन राज्यों के लिए तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.
भीड़ को राजनीति और सत्ता मिलकर पैदा करते हैं. उन्हें निर्देशित करते हैं. फिर भीड़ उनके नियंत्रण से भी बाहर निकल जाती है. वह किसी की नहीं सुनती.
सरकार ने चुपके से स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन से जुड़े नियमों में बदलाव किए, जिसका सीधा फ़ायदा अडानी समूह को पहुंचा.
जन गण मन की बात की 83वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचे हुए कार्यकाल और बेराज़गारी की समस्या पर चर्चा कर रहे हैं.
अगर नरेंद्र मोदी भूटान पर पड़ रहे दवाब को कम करके चीन द्वारा पेश किए जा रहे क़ानूनी तर्कों पर ध्यान लगाएं, तो वे ख़ुद को भारत-चीन सीमा विवाद को जल्दी सुलझाने की स्थिति में पाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने वैध कारणों के चलते अमान्य नोटों को जमा नहीं करा सके लोगों को मौका उपलब्ध कराने पर विचार के लिये केंद्र को दो सप्ताह का समय दिया.
2014 में आम चुनावों में मोदी के जीतने के बाद सबसे पहले उनका अभिवादन करने वाले मुस्लिम कार्यकर्ताओं में से एक जसीम मोहम्मद ने प्रधानमंत्री से मुस्लिमों की हत्याएं रोकने की अपील की है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार को निर्देश दिया है कि वो गोरक्षकों को लेकर उसकी ओर से जारी एडवाजरी को सही ढंग से लागू करे.
आयुष मंत्रालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में राज्यमंत्री श्रीपद नाइक द्वारा जारी की गई एक बुकलेट में सेहतमंद शिशु पाने के लिए बुरी संगत से बचने और मन में आध्यात्मिक विचार लाने की सलाह दी गई है.
सीबीआई एनडीटीवी के संस्थापकों के घर छापे मार रही है जबकि अडानी, अंबानी और दूसरे ताकतवर व्यापारिक घरानों के लिए ख़िलाफ़ पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद कार्रवाई नहीं कर रही है.