पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से उमर अब्दुल्ला ने 232 दिन हिरासत में गुजारे. इससे पहले फारूक अब्दुल्ला को 13 मार्च को रिहा कर दिया गया था. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अभी भी जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में रखा गया है.
लोकसभा चुनाव के दौरान इस मामले को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली एक पीठ ने ही चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाने से मना कर दिया था.
चुनाव सुधार से संबंधित शोध संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने चुनाव में 1141.72 करोड़ रुपये ख़र्च किए, वहीं कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 626.36 करोड़ रुपये व्यय किया है.
विपक्ष के सदन से वॉक आउट करने को क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अनुचित क़रार दिया. पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पिछले साल नवंबर में रिटायर हुए थे. उन्होंने अक्टूबर 2018 में देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला था.
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यसभा में नामित किए जाने से पहले बीती जनवरी में राष्ट्रपति ने उनके भाई सेवानिवृत्त एयरमार्शल अंजन गोगोई को नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल के पूर्णकालिक सदस्य के बतौर मनोनीत किया था, जबकि उन्होंने इस क्षेत्र में अधिक समय काम नहीं किया है.
पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसफ सहित कई पूर्व न्यायाधीशों ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के राज्यसभा में मनोनयन पर कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद पद लेना न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमतर करता है. विपक्षी दलों ने इसे केंद्र सरकार का निर्लज्ज कृत्य क़रार दिया.
राज्यसभा सदस्य रहे भालचंद्र मुंगेकर की किताब के विमोचन के अवसर पर पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि जिन सिद्धांतों पर संविधान की प्रस्तावना की गई उनकी अवहेलना की जा रही है.
संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाते हुए जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के केंद्र सरकार के पिछले साल पांच अगस्त के फैसले के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला हिरासत में हैं.
राज्यसभा नामांकन के प्रस्ताव को स्वीकार करने की पुष्टि करते हुए पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि वे शपथ लेने के बाद इस मामले पर विस्तार से बात करेंगे.
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई पिछले साल नवंबर में रिटायर हुए थे. रिटायर होने से पहले उन्होंने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया था.
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में सप्रीम कोर्ट की पीठ ने नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं गौतम नवलखा और आनंद तेल्तुम्बड़े को तीन सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा है. दोनों को अपने पासपोर्ट तत्काल जमा कराने का भी निर्देश दिया गया है.
नवगठित ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ के एक शिष्टमंडल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. गृह मंत्री ने हिरासत में रखे गए नेताओं की रिहाई को आश्वासन दिया.
आईआईटी कानपुर के छात्रों द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई दिल्ली पुलिस की बर्बर कार्रवाई और जामिया के छात्रों के समर्थन में फ़ैज अहमद फ़ैज़ की नज़्म 'हम देखेंगे' को सामूहिक रूप से गाए जाने पर फैकल्टी के एक सदस्य द्वारा आपत्ति दर्ज करवाई गई थी.
दंगा प्रभावित लोगों के लिए आम जनता की तरफ से किए जा रहे सभी प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन यह कोई स्थायी समाधान नहीं है. दंगे में अपना सब कुछ खो चुके निर्दोष लोगों को सरकार की तरफ से सम्मानजनक मदद मिलनी चाहिए थी न कि उन्हें समाज के दान पर निर्भर रहना पड़े.
कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने सात महीने से अधिक समय तक नज़रबंद रखे जाने के बाद रिहा किए गए फ़ारूक़ अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद कहा कि जम्मू कश्मीर की प्रगति के लिए अन्य नेताओं को भी रिहा किया जाना चाहिए और उन्हें पिंजड़े में तोते की तरह नहीं रखना चाहिए.