केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच लीक हुई फोन बातचीत से राजस्थान में पैदा हुए सियासी उठापटक और अवैध फोन टैप के आरोपों के आठ महीने बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने दो हफ़्ते पहले फोन टैपिंग की पुष्टि की थी.
जुलाई 2020 में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्य के तत्कालीन पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के बीच फोन पर बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक हुई थी. तब फोन टैपिंग के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि नेताओं के फोन टैप करना उनकी सरकार का तरीका नहीं है.
मध्य प्रदेश की सरकार ने विधानसभा में नागरिकता संशोधन क़ानून के प्रस्ताव पारित करते हुए इसे भारतीय संविधान की मूल भावना का उल्लंघन बताया. इससे पहले केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित प्रस्ताव में केंद्र सरकार से इस क़ानून को रद्द करने के साथ एनआरसी को क्रियान्वित करने और एनपीआर को अपडेट करने की योजनाओं को निरस्त करने की भी अपील की गई है. इससे पहले केरल, पंजाब और राजस्थान में इस विवादास्पद क़ानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र सरकार से इस कानून को रद्द करने का आग्रह किया है. इस दौरान विधानसभा में भाजपा के कई नेताओं ने नागरिकता कानून के पक्ष में नारेबाजी की.
राजस्थान विधानसभा में भाजपा के तीन और कांग्रेस के एक विधायक ने महिलाओं और बच्चों के ख़िलाफ़ होने वाले अपराधों से जुड़े सवाल पूछे थे. गृह विभाग ने इन सवालों के जवाब देने में असमर्थता जता दी है.
राजस्थान विधानसभा में ‘राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक 2019’ और ‘वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक 2019’ पेश किया गया. विधेयक में मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग को संज्ञेय और ग़ैर-ज़मानती अपराध बनाया गया है.
भाजपा सचेतक ने कहा, ‘जहां विधानसभा है, वहां श्मशान था. मृत बच्चे दफ़नाए जाते थे. हो सकता है कि कोई आत्मा हो, जिसे शांति न मिली हो. इसीलिए सदन में कभी एक साथ 200 विधायक नहीं रहे.’