अदालत ने कहा कि गुजरात सरकार को इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचे का विकास करना चाहिए कि महामारी की तीसरी या चौथी लहर आ सकती है, क्योंकि लोग मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और स्वच्छता जैसे नियमों का पालन नहीं करने जा रहे. अदालत ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अस्पतालों को संबंधित इंजेक्शन के वितरण को लेकर राज्य सरकार की अधिसूचना अस्पष्ट और दोषपूर्ण बताया है.
आशा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी के दौरान फ्रंटलाइन पर काम करने के बावजूद उनका बकाया भुगतान और सुरक्षा उपकरण नहीं मिल रहा है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव और राज्यों के मुख्य सचिवों को छह सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.
गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर गुजरात की मांग क्यों नहीं पूरी की जा रही है. हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले एक महीने से राज्य को प्रतिदिन करीब 16,000 शीशियों की आपूर्ति जारी रखी है, जबकि मांग प्रतिदिन लगभग 25,000 शीशियों की थी.
वीडियो: अनुच्छेद 15 (3) राज्य को यह आधिकार देता है, कि महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष क़ानून बना पाए. भारत में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को मद्देनजर रखते हुए, यदि सरकारें कोई भी ऐसा क़ानून बनाती है, जिससे महिलाओं का उत्थान हो सके, तो वह अनुच्छेद 15 (3) के तहत संविधानिक माना जाएगा और अनुच्छेद 15 (1) का अपवाद माना जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में डरा-धमकाकर और उपहारों के ज़रिये अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के सामूहिक धर्मांतरण, काले जादू, अंधविश्वास को नियंत्रित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत द्वारा इस पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने यमुना नदी में प्रदूषण से संबंधित दिल्ली जल बोर्ड की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान देशभर की नदियों में प्रदूषण की न्यायिक समीक्षा का दायरा बढ़ाते हुए केंद्र सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली तथा हरियाणा सहित पांच राज्यों को नोटिस जारी किया है.
गुजरात हाईकोर्ट ने दो दिसंबर को मास्क नहीं पहनने वालों को कोविड-19 केयर सेंटर पर अनिवार्य सामुदायिक सेवा का आदेश देते हुए इस संबंध में राज्य सरकार को एक अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने संबंधी दिशानिर्देशों का लगभग सभी राज्यों में पालन नहीं किया जा रहा. राजनीतिक, धार्मिक सहित समारोहों में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं. नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उचित तंत्र नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने हिरासत में यातना से संबंधी मामले में अपने एक पुराने आदेश का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को सीबीआई, ईडी और एनआईए समेत सभी केंद्रीय एजेंसियों और पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश देते हुए इसके लिए केंद्र और राज्य स्तर पर निगरानी समिति बनाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को चार हफ़्ते के भीतर इस आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट दाख़िल करने का भी निर्देश दिया है कि कितनी यौनकर्मियों को राशन दिया गया. एक याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से यौनकर्मियों की स्थिति बहुत ही ख़राब है. उन्हें राशन कार्ड और दूसरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रदर्शन समीक्षा समिति बैठक में पेश एजेंडा पेपर के अनुसार, मार्च के अंत तक देशभर में 54.57 लाख स्वयं सहायता समूहों को 91,130 करोड़ रुपये के बैंक क़र्ज़ दिए गए, जिनमें से 2,168 करोड़ रुपये एनपीए में तब्दील हो गए.
वीडियो: कोरोना महामारी के संक्रमण के मामले रोज़ाना बढ़ रहे हैं. इस मुद्दे पर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि न्यायालय सरकार के कथन का सत्यापान किए बगैर ही उस पर विचार कर रही है जबकि लोगों, विशेषकर पलायन करने वाले कामगारों, के मौलिक अधिकार लागू नहीं किए जा रहे हैं.
बीते 15 अप्रैल को जारी नोटिफिकेशन में गृह मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों को मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और सिलेसिलाए परिधानों आदि की बिक्री की अनुमति दी थी, लेकिन अब इस ‘छूट’ को वापस ले लिया गया है.
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बुधवार को 392 हो गई जबकि इससे संक्रमित लोगों की कुल संख्या 11,933 है. पिछले 24 घंटों में 1118 नए संक्रमितों की पहचान हुई है, जिसमें 39 लोगों की जान जा चुकी है.