ऐसे समय में जब कांग्रेस रास्ता खोज रही है, उसे अपने संगठन की ओर देखना चाहिए और उस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करना चाहिए, जिसे 1969 के बाद लगातार ख़त्म किया जाता रहा है.
‘सर कलम कर दूंगा. हाथ काट दूंगा. पैर तोड़ दूंगा. फांसी पर लटका दूंगा. फांसी चढ़ जाऊंगी. गाय मत खाओ. मंदिर बनकर रहेगा. मंदिर के लिए जान दे देंगे. मंदिर के लिए जान ले लेंगे. वंदे मातरम गाओ. भारत माता की जय बोलो वरना पाकिस्तान चले जाओ. किसान को गोरक्षकों ने पीटा तो अच्छा किया. सिर काट लाओ, एक करोड़ देंगे.’
मुस्लिम मजलिस की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मूल में भी वही दूषित, संकीर्ण और कठमुल्लई मनोवृत्ति है, और वह एक लौकिक भारतीय समाज और खरी राष्ट्रीयता के विकास में बाधक होगी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने आरोप लगाया कि बीज की बहुराष्ट्रीय कंपनी मॉनसैंटो ने देश के कपास किसानों का शोषण करके करीब 7,000 करोड़ रुपये बनाए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ की नियुक्ति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भाजपा और इसके पालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एजेंडा सिर्फ़ चुनावी जीत हासिल करने तक सीमित नहीं है. वे इससे बहुत आगे की सोच रहे हैं.
कार्यक्रम में कहा गया कि शैक्षिक संस्थानों में संस्कृति के नाम पर जो हो रहा है वह हमारी असल संस्कृति पर हमला है- चाहे वो कल्चरल इवनिंग जैसे कार्यक्रम हों या विरोध की संस्कृति से जुड़े आयोजन. इससे नौजवानों का दिमाग और शैक्षणिक संस्थानों का माहौल बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.
मोदी के हर क़दम ने हमें अचंभित किया है. यहां तक कि जब वे ज़हर उगलते रहे, तब भी हमारी प्रतिक्रिया ऐसी ही रही. योगी की ताजपोशी उनकी नयी पेशकश है. जो किया जा चुका है उसमें ख़ूबी तलाशना ही अब हमारा कर्तव्य रह गया है.
आज भाजपा का संगठन चुनाव के लिए चाक-चौबंद नज़र आता है. इस पर और नजदीक से नज़र डालने के लिए आइए चलते हैं कानपुर मंडल के फर्रुखाबाद जिले की अमृतपुर विधानसभा में.