इस समय इरादा मुसलमानों से जुड़ी हर जगह को संदिग्ध बनाने का है. उसका तरीक़ा है उन्हें विवादित बनाना. एक बार कुछ भी विवादित हो जाए तो उसमें दूसरा पक्ष जायज़ हो जाता है, जैसे बाबरी मस्जिद को विवादित बनाकर अब संघ के संगठन एक जायज़ पक्षकार बन बैठे हैं.
इतिहास गवाह है कि मंदिर को लेकर माहौल बनाने से चुनावी वैतरणी पार नहीं होती.
आरटीआई के जरिए गृह मंत्रालय से मिले आंकड़े बताते हैं कि मई, 2014 से मई, 2017 तक में सिर्फ जम्मू कश्मीर में 812 आतंकी घटनाएं हुईं. इन घटनाओं में 62 नागरिक मारे गए, जबकि 183 जवान शहीद हो गए.
संघ के लिए केंद्र में सत्ता मंज़िल की सीढ़ी है, अपने आप में मंज़िल नहीं. उसने भाजपा को दो से अस्सी सीट पर पहुंचाने वाले, राम मंदिर मुद्दे के पुरोधा लालकृष्ण आडवाणी को किनारे कर मोदी के लिए हामी भरने में कोई देरी नहीं की. वो कभी ऐसे किसी भी नेता को मंज़ूर नहीं करेगा जो उसकी विचारधारा और ताक़त से ज़्यादा कद्दावर दिखने लगे.
क्या सत्ता के चरित्र में ही कुछ ऐसा है कि वह आपको अधर्म की ओर ले जाती है? वो भूपेश बघेल जो एसआरपी कल्लूरी को जेल भेजना चाहते थे, वही उन्हें अब महत्वपूर्ण पद सौंप रहे हैं. बघेल कह सकते हैं कि तब वे विपक्ष में थे और उसका कर्तव्य निभा रहे थे और अब उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी उनसे यह काम करवा रही है.
कुलपतियों के कारनामे अब देश के विश्वविद्यालयों का मौसम बन गए हैं. विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा और गुणवत्ता दोनों पर दाग लग रहे हैं. बड़बोलेपन में राजनीतिक नेताओं को भी मात करने वाले कुलपतियों के ही कारण देश के कई बड़े और श्रेष्ठ उच्च शिक्षण संस्थान इन दिनों बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं.
'अगर आप एक नेता हैं और आपकी नज़रों के सामने बड़ी संख्या में लोगों का क़त्ल किया जाता है, तब आप लोगों की ज़िंदगी बचा पाने में नाकाम रहने की जवाबदेही से मुकर नहीं सकते.'
महाराष्ट्र के उत्तन में संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर आरएसएस राम मंदिर के लिए आंदोलन शुरू करने में भी नहीं हिचकेगा, लेकिन मामला अदालत में विचाराधीन होने की वजह से कुछ सीमाएं हैं.
विशेष रिपोर्ट: बाहरी तौर पर शिवराज सिंह चौहान आरएसएस के तय मानकों से ज़्यादा सेकुलर लगते हैं, लेकिन निजी रूप में वे नरेंद्र मोदी की तरह कट्टर हिंदुत्व में विश्वास रखते हैं.
संघ की ओर से नागपुर में हर साल होने वाले दशहरा कार्यक्रम में शामिल हुए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी. कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने समाज की परंपरा पर विचार नहीं किया.
विजयदशमी के अवसर पर नागपुर में अपने वार्षिक संबोधन में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रहित के इस मामले में स्वार्थ के लिए सांप्रदायिक राजनीति करने वाली कुछ कट्टरपंथी ताकतें रोड़े अटका रही हैं. राजनीति के कारण मंदिर निर्माण में देरी हो रही है.
वे सभी लोग जो नए कलेवर में प्रस्तुत संघ को लेकर प्रसन्न हो रहे हैं, उन्हें यह जानना होगा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब संघ इस क़वायद में जुटा है. उन्हें 1977 के अख़बारों को पलट कर देखना चाहिए जब यह बात फैलाई जा रही थी कि संघ अब अपनी कतारों में मुसलमानों को भी शामिल करेगा. लेकिन यह शिगूफ़ा साबित हुआ.
संघ प्रमुख के हालिया बयानों की गंभीरता और विश्वसनीयता को इस कसौटी पर परखा जाना चाहिए कि आरएसएस से संबद्ध संगठन अपना आगामी चुनाव अभियान किस तरह से चलाते हैं.
जिस तरह इस्लामिस्ट आतंकवादी अपनी हरकतों से इस्लाम का ही ग़लत मतलब पेश करते हैं, वही स्थिति हिंदुत्व आतंकवादियों की होती है, वे हिंदू धर्म का इस्तेमाल कर उसकी ग़लत छवि पेश करते हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू समुदाय से एकजुट होकर मानव कल्याण के लिए काम करने की अपील की.