इस समय इरादा मुसलमानों से जुड़ी हर जगह को संदिग्ध बनाने का है. उसका तरीक़ा है उन्हें विवादित बनाना. एक बार कुछ भी विवादित हो जाए तो उसमें दूसरा पक्ष जायज़ हो जाता है, जैसे बाबरी मस्जिद को विवादित बनाकर अब संघ के संगठन एक जायज़ पक्षकार बन बैठे हैं.
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की ओर से की गई शिकायत में आरोप लगाया गया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र पाकिस्तान के समर्थन और भारत विरोधी नारा लगा रहे थे. छात्रों ने इसे ख़ारिज करते हुए आरोप लगाया है कि एएमयू को रिपब्लिक टीवी की टीम ने ‘आतंकवादियों का विश्वविद्यालय’ कहा, जिसके बाद विवाद हुआ.
वीडियो: रिपब्लिक टीवी चैनल द्वारा मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज के कथित माओवादी कनेक्शन के आरोप पर सुधा भारद्वाज से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले से जुड़ी ख़बरें प्रसारित करने पर रोक की मांग ख़ारिज की.
रिपब्लिक टीवी की संवाददाता रेयान स्कूल में मारे गए प्रद्युम्न के पिता से एक लाइव इंटरव्यू के दौरान अशोभनीय व्यवहार करती नज़र आ रही हैं.
टीवी ने लोकतंत्र का मतलब ही बदल दिया है. जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए नहीं. नेता का, नेता के द्वारा और नेता के लिए हो गया है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की याचिका पर हाईकोर्ट ने अर्णब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी को नोटिस जारी किया.
सामाजिक कार्यकर्ता एसपी उदयकुमार ने प्रेस काउंसिल से शिकायत करते हुए कहा है कि झूठे स्टिंग के माध्यम से उन्हें व उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है.
परेश रावल ने कहा, 'अगर उन्हें सेना की जीप से बांधा जाता तो पथराव करने वाला कोई भी व्यक्ति उन पर हमला नहीं करता क्योंकि वह उनकी विचारधारा का समर्थन करती हैं.'
शशि थरूर मानहानि मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने अर्णब गोस्वामी और उनके समाचार चैनल रिपब्लिक टीवी से जवाब मांगा.
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर से जुड़ी ख़बर के प्रसारण के दौरान मानहानि करने वाली टिप्पणियां की गईं. दो करोड़ रुपये की मानहानि का दावा.
परेश रावल और उनके समर्थकों का कहना था कि उनका गुस्सा अरुंधति रॉय की कश्मीर पर की गई हालिया टिप्पणी पर था. पर असलियत ये है कि अरुंधति ने ये टिप्पणी कभी की ही नहीं थी.
कॉपीराइट उल्लंघन मामला: कंपनी ने कहा कि रिपब्लिक टीवी द्वारा किए गए दो खुलासों में इस्तेमाल सामग्री उस समय हासिल की गई थी जब गोस्वामी टाइम्स नाउ में काम करते थे.