कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की क़ीमत में करीब नौ फ़ीसदी की कमी आई, लेकिन सरकार मुश्किल के समय लोगों को इसका लाभ देने के लिए कुछ नहीं कर रही है. तेल कंपनियों द्वारा मंगलवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार 10वें दिन वृद्धि की गई है.
तेल कंपनियां जून, 2017 के बाद से दैनिक आधार पर पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों की समीक्षा कर रही हैं. कंपनियों ने कीमतों की समीक्षा 82 दिनों तक स्थगित रखने के बाद सात जून से दाम में लागत के हिसाब से फेरबदल शुरू किया था. उसके बाद से यह लगातार आठवां दिन है जब ईंधन के दाम बढ़े हैं.
केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में की गई इस बढ़ोतरी के बाद लोगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों का कोई भी फायदा नहीं मिल पाएगा. दो महीने से कम की अवधि में यह दूसरी बार उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है.
असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि हमें हर महीने रॉयल्टी से 166 करोड़ रुपये की प्राप्ति होती रही है लेकिन अब यह राशि 50 करोड़ रुपये रह जाने का अनुमान है, इसलिये ईंधन के दाम बढ़ाकर हम अपने राजस्व को बचाए रखने का प्रयास कर रहे हैं.
कांग्रेस ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को लेकर आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार लोगों की तकलीफ का फायदा उठा रही है, जो कि बहुत अमानवीय है. लोगों की जीविका खत्म हो रही है और नौकरियां जा रही है. ऐसे में भाजपा सरकार मुनाफा कमा रही है.
कांग्रेस ने कहा है कि सरकार ने लोगों को फायदा देने की बजाय पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क तीन रुपये बढ़ा दिया. इसका सबसे ज़्यादा नुकसान आम लोगों, किसानों और ट्रांसपोर्टर हो होगा. इससे महंगाई बढ़ेगी.