कोविड-19 के चलते 1930 की महामंदी के बाद सबसे गहरी मंदी से जूझ रही है दुनिया: विश्व बैंक

विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा है कि कोरोना महामारी कई विकासशील और सबसे ग़रीब देशों के लिए यह भयावह घटना है. उन्होंने कहा कि निर्धनतम देशों में सामाजिक सुरक्षा के लिए अतिरिक्त मदद दी जाए. लोगों की जान बचाना, स्वास्थ्य और सुरक्षा पहली प्राथमिकता है.

कोविड-19 संकट के चलते दुनिया में एक अरब से अधिक लोग अत्यंत ग़रीब हो सकते हैं: रिपोर्ट

किंग्स कॉलेज लंदन और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों के एक अध्ययन में कहा गया है कि मध्यम आय वर्ग वाले विकासशील देशों में ग़रीबी बढ़ेगी जो वैश्विक स्तर पर ग़रीबी को बढ़ाएगा. दक्षिण एशिया का इलाका ग़रीबी की मार झेलने वाला दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र होगा.

शीर्ष अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद ट्रंप ने कोरोना वायरस संकट को हल्के में लिया: रिपोर्ट

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर में खुलासा किया गया है कि खुफिया विभाग, राष्ट्रीय सुरक्षा सहायकों और सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आने वाली महामारी और उसके परिणामों के बारे में चेतावनी दी थी लेकिन ट्रंप इस संकट को कमतर आंकते रहे.

अगर चीन विकासशील देश है तो अमेरिका को भी विकासशील बना दो: डोनाल्ड ट्रंप

कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘उन्हें बड़े फायदे मिलते हैं क्योंकि वे विकासशील देश हैं. भारत एक विकासशील देश है. अमेरिका बड़ा विकसित देश है. हालांकि हमें भी कई विकास कार्य करने हैं.’

भारत ने 2014 के बाद गलत दिशा में लगाई लंबी छलांग: अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने अपनी किताब ‘भारत और उसके विरोधाभास’ जारी करने के अवसर पर कहा कि सरकार ने असमानता एवं जाति व्यवस्था के मुद्दों की अनदेखी की है, अनुसूचितों को अलग रखा जा रहा है.

विकसित देश बनने के लिए सिर्फ़ एक दशक का समय, ​शिक्षा पर ध्यान देने की ज़रूरत: एसबीआई

भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि नीति-निर्माताओं को अंदाज़ा होना चाहिए कि भारत के पास विकसित देश बनने के लिए थोड़ा समय है जिसमें यह अपना दर्जा बढ़ा सकता है नहीं तो हमेशा के लिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में अटका रहेगा.

विश्व व्यापार संगठन में बातचीत असफल, खाद्य सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं

भारत ने प्रमुखता से उठाई खाद्य सुरक्षा से जुड़ा सार्वजनिक खाद्य भंडारण का मुद्दा, अमेरिका स्थायी समाधान ढूंढने की प्रतिबद्धता से पीछे हटा, भारत जैसे विकासशील देशों को निराशा.