वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि 2013 में एक भीषण दुर्घटना घटी थी क्योंकि पायलट ने लंबे समय से पूरी नींद नहीं ली थी. हमें ऐसी प्रणाली की ज़रूरत है जहां पता चल सके कि उड़ान से पहले पायलट ने नींद अच्छी तरह ली है या नहीं.
‘प्राचीन तकनीक’ को अगर पाठ्यक्रम में शामिल करना ही है, तो इसके पीछे मक़सद मेहनत की भावना को जगाना होना चाहिए. आज किसी शिवकर बापूजी तलपड़े को कोशिश करने और नाकाम होने की छूट होनी चाहिए.