अदालत ने कहा कि संविधान में सभी को बराबरी का अधिकार है. यदि विवाहित लड़का अनुकंपा के आधार पर नौकरी का हक़दार है, तो विवाहित बेटी को इस अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता.
अदालत ने कहा कि संविधान में सभी को बराबरी का अधिकार है. यदि विवाहित लड़का अनुकंपा के आधार पर नौकरी का हक़दार है, तो विवाहित बेटी को इस अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता.