दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की उस याचिका ख़ारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने कर्मचारियों कर्मचारियों के बकाया भुगतान के लिए और समय देने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि वेतन और पेंशन पाना यह संविधान के अंतर्गत जीवन और आज़ादी के अधिकार के तहत आता है. यह निगम पर है कि वह अपने कर्मचारियों को भुगतान का रास्ता तलाश करे.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल याचिका में कहा था कि डॉक्टरों को पिछले दो महीने से वेतन नहीं दिया गया है. इसके अलावा दिल्ली के तीनों नगर निगमों द्वारा वेतन भुगतान नहीं करने के संबंध में अलग-अलग विभाग के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों द्वारा कई याचिकाएं दायर की गई हैं.
बीते सोमवार से एम्स के करीब पांच हज़ार नर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा लागू करना और अनुबंध आधारित भर्ती ख़त्म करना नर्सों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं.
करीब पांच हज़ार नर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वायरस महामारी के समय में हड़ताल को अनुपयुक्त एवं दुर्भाग्यपूर्ण क़रार दिया.
दिल्ली हाईकोर्ट संविदा पायलटों को निकाले जाने के संदर्भ में दाख़िल दो याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है. एयर इंडिया द्वारा इन पायलटों की सेवा दो अप्रैल से निलंबित कर दी गई थी. बाद में अगस्त माह में इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था.
वीडियो: दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में काम करने वालों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है. इनमें 30 प्रतिशत स्थायी सदस्य हैं जिन्हें 5 महीने से और 70 प्रतिशत संविदा पर हैं जिन्हें 9 महीने से वेतन नहीं मिला है. प्रभात कुमार और चिन्मय ग्यामलानी की रिपोर्ट.
नोएडा के सेक्टर-63 स्थित ओरियंट क्राफ्ट कंपनी का मामला. मज़दूरों का आरोप है कि पुलिस और जिला प्रशासन कंपनी मैनेजमेंट का पक्ष ले रहा है. कंपनी ने उन्हें कई महीनों से वेतन नहीं दिया है.
उत्तर प्रदेश में नोएडा के सेक्टर 24 स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के 120 पैरामेडिकल कर्मचारियों को तीन महीने का वेतन नहीं मिला है. उनका आरोप है कि वेतन मांगने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ जंग में पहली कतार के योद्धाओं- डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को वेतन नहीं दिया जा रहा या फिर उसमें कटौती की जा रही है अथवा इसके भुगतान में देरी की जा रही है.
लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को तनख़्वाह देने के मुद्दे को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उद्योगों और श्रमिकों को एक-दूसरे की ज़रूरत है और पारिश्रमिक का मुद्दा साथ बैठकर सुलझाना चाहिए. साथ ही शीर्ष अदालत ने गृह मंत्रालय से कर्मचारियों को लॉकडाउन में पारिश्रमिक देने संबंधी उसके सर्कुलर की वैधता पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल एक याचिका में कहा गया कि गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान नियोक्ताओं पर पड़ने वाले आर्थिक प्रभाव पर विचार किए बगैर ही कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का आदेश जारी कर दिया था.
श्री वेंकटेश्वर मंदिर का देखरेख करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद हर महीने 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
तेलंगाना के संगारेड्डी ज़िले के कंडी स्थित आईआईटी हैदराबाद में वेतन न मिलने से नाराज़ हज़ारों प्रवासी मज़दूरों ने प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि उन्हें वेतन भी नहीं दिया जा रहा है.
पायलटों का कहना है कि लंबे समय से प्रबंधन द्वारा उनकी वेतन बढ़ाने और पदोन्नति की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, साथ ही कंपनी उन्हें इस बारे में भरोसा दिलाने में भी असमर्थ रही है.
इस साल यह दूसरी बार है जब बीएसएनएल और एमटीएनएल द्वारा अपने कर्मचारियों को समय से वेतन देने में चूक हुई. इससे पहले बीते फरवरी महीने कर्मचारियों को वेतन देरी से मिला था.