वीडियो: संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत जातिवाद के आधार पर होने वाली छुआछूत या अस्पृश्यता के भेदभाव को गैर-संविधानिक माना गया है. वहीं, अनुच्छेद 18 के तहत सभी प्रकार की उपाधि देने की व्यवस्था को ख़त्म कर दिया गया. इनके बारे में विस्तार से बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.
वीडियो: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 सरकारी नौकरियों में समानता की बात कहता है. इसके मुताबिक धर्म, जाति, लिंग आदि के नाम पर सरकारी नौकरियों में नियुक्ति और पदोन्नति में भेदभाव नहीं किया जा सकता. यदि सरकार को ये लगता है कि कुछ जाति या समुदाय के लोगों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, तो उनके लिए आरक्षण किया जा सकता है.
वीडियो: संविधान में संशोधन के द्वारा अनुच्छेद 15(5) और 15(6) को जोड़ा गया है, जिनमें सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए ग़ैर सहायता प्राप्त स्कूल और कॉलेजों में और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए वर्ग के लिए आरक्षण की बात कही गई है.
वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 15 (4) राज्य को यह अधिकार देता है कि वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष कानून बना पाए. संविधान में पिछड़े वर्गों के आरक्षण के लिए क्या कानून है, इसकी जानकारी दे रही हैं अधिवक्ता अवनि बंसल.
देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित मानवाधिकार अधिवक्ता सोराबजी तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह के कार्यकाल में 1989 से 1990 तक और फिर अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 1998 से 2004 तक भारत के अटॉर्नी जनरल रहे थे.
कोई भी राजनीतिक दल जाति व्यवस्था के अंत का बीड़ा नहीं उठाना चाहता है, न ही कोई सामाजिक आंदोलन इस दिशा में अग्रसर है. बल्कि, जाति आधारित संघों का विस्तार तेज़ी से हो रहा है. यह राष्ट्र एवं समाज के लिए एक घातक संकेत है.
जाति एक ऐसी बाधा है जो एक समाज का निर्माण नहीं होने देती. राष्ट्र बनकर भी नहीं बन पाता क्योंकि हम एक दूसरे के प्रति उत्तरदायी नहीं होते. एकजुटता या बंधुत्व के अभाव में सामाजिक संपदा का निर्माण भी नहीं हो पाता.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने रिटायर होने के बाद अपने विदाई भाषण में कहा कि एक सभ्य भारत के लिए यह हम सब की ज़िम्मेदारी है कि न्यायपालिका को मज़बूत करें.
वीडियो: अनुच्छेद 15 (3) राज्य को यह आधिकार देता है, कि महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष क़ानून बना पाए. भारत में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को मद्देनजर रखते हुए, यदि सरकारें कोई भी ऐसा क़ानून बनाती है, जिससे महिलाओं का उत्थान हो सके, तो वह अनुच्छेद 15 (3) के तहत संविधानिक माना जाएगा और अनुच्छेद 15 (1) का अपवाद माना जाएगा.
वीडियो: भारत में धर्म, कुल, जाति, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता. संविधान का अनुच्छेद 15 क्या कहता है? कैसे न्यायालयों ने भेदभाव करने वाले बहुत सारे क़ानूनों को ग़ैर-संविधानिक क़रार दिया.
यूजीसी द्वारा स्नातक के इतिहास पाठ्यक्रम के लिए तैयार किए ड्राफ्ट में प्रसिद्ध इतिहासकारों जैसे कि प्राचीन भारत पर आरएस शर्मा और मध्यकालीन भारत पर इरफान हबीब की किताबों को हटा दिया गया है. इनकी जगह पर ‘संघ और सत्ता’ के क़रीबी माने जाने वाले लेखकों की किताबों को शामिल किया गया है.
वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 12 भाग तीन के लिए 'राज्य' को परिभाषित करता है. संसद, विधानसभा, नगर निकायों के साथ कौन-सी अन्य संस्थाएं है, जिनके ख़िलाफ़ नागरिक मौलिक अधिकारों के हनन के लिए अदालत जा सकते है. इस अनुच्छेद और संबंधित फैसलों के बारे में बता रही हैं अवनि बंसल.
वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 9 दोहरी नागरिकता पर रोक लगाता है. अनुच्छेद 10 कहता है कि नागरिकता का अधिकार जो अनुच्छेद 5 से 8 में दिया गया है, वो बना रहेगा, जब तक संसद क़ानून द्वारा उसे बदलती नहीं है. नागरिकता संबंधी कानूनों के बारे में विस्तार से बता रही हैं अवनि बंसल.
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने 19 फरवरी को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से हिंदुत्ववादी विचारक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रमुख एमएस गोलवलकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें महान विचारक बताया था. इस ट्वीट की तमाम लोगों ने आलोचना की थी.
वीडियो: हमारा संविधान कार्यक्रम के सातवें एपिसोड में जानिए भारतीय संविधान बनने के बाद किसे मिला नागरिकता का अधिकार. निवास और किसी अन्य देश से आए लोगों के लिए कैसे तय किया गया नागरिकता का अधिकार.