यह घटना कानपुर के बर्रा इलाके की है. मुस्लिम किशोर का आरोप है कि 28 जून को मस्जिद से नमाज़ पढ़ कर लौटने के दौरान तीन से चार बाइक सवारों ने उसके टोपी पहने होने का विरोध करते हुए मारपीट की. इसके साथ ही दोबारा टोपी पहनकर इलाके में नहीं आने की भी धमकी भी दी गई.
मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह घटना महाराष्ट्र के ठाणे में 24 जून को उस समय हुई, जब मुस्लिम टैक्सी ड्राइवर सवारी को लेकर लौट रहा था और बीच रास्ते में उसकी टैक्सी खराब हो गई.
बीते हफ्ते पश्चिम बंगाल में कथित तौर पर 'जय श्री राम' न कहने पर ट्रेन से फेंके गए मदरसा शिक्षक मोहम्मद शाहरुख का दावा है कि उनके द्वारा हमला करने वाले लोगों और उनके संगठन के बारे में पुलिस को बताने के बावजूद किसी आरोपी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है.
अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने बीते 21 जून को जारी किए गए रिपोर्ट में कहा था कि भारत में 2018 में गायों के व्यापार या गोवध की अफवाह पर अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर, मुसलमानों के खिलाफ चरमंपथी हिंदू समूहों ने हिंसा की है.
झारखंड में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने को ‘जघन्य अपराध’ क़रार देते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों का मक़सद सरकार द्वारा बनाए गए सकारात्मक माहौल को प्रभावित करना है.
पश्चिम बंगाल के एक मदरसा टीचर का कहना है कि यह घटना 20 जून को उस समय हुई, जब वह ट्रेन से दक्षिण 24 परगना जिले से हुगली जा रहे थे. आरोप है कि ट्रेन में कुछ लोग जय श्री राम के नारे लगा रहे थे, उन्होंने उन्हें भी नारे लगाने को कहा, इनकार करने पर मारपीट की गई और ट्रेन से धक्का दे दिया गया.
झारखंड के सरायकेला खरसावां ज़िले में 17 जून को चोरी के शक में तबरेज़ अंसारी की बेरहमी से घंटों पिटाई की गई, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया. उनसे जबरन 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे भी लगवाए गए थे.
क़ानून का राज होने के बाद भी भीड़ का राज क़ायम है. इस भीड़ को धर्म, जाति और परंपरा के नाम पर छूट मिली है. किसी औरत को डायन बताकर मार देती है, जाति तोड़कर शादी करने वालों की हत्या कर देती है. इसी कड़ी में अब यह शामिल हो गया है कि अपराध करने वाला या झगड़े की ज़द में आ जाने वाले मुसलमान को जय श्री राम के नाम पर मार दिया जाएगा.
यह घटना झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले की हैं. आरोप है कि 18 जून को एक मुस्लिम युवक को बेरहमी से कई घंटों तक एक खंभे से बांधकर पीटा गया. उससे जबरन ‘जय श्रीराम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे लगवाए गए. पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया.
यह घटना दिल्ली के रोहिणी की है. मौलवी का आरोप है कि 20 जून को कार सवार तीन लोगों ने उनसे जय श्री राम का नारा लगाने को कहा, इससे इनकार करने पर उन्होंने कार से टक्कर मार दी.
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद ज़िले के एक गांव में किसी धार्मिक ढांचे को गिराए जाने की जानकारी मिलने के बाद चंद्रशेखर अपने साथियों के साथ वहां पहुंचे थे.
नरेंद्र मोदी को वोट देने वालों की सोच यह नहीं है कि वह अपने किए गए वादों को पूरा करेंगे या नहीं, बल्कि उन्होंने मोदी को इसलिए वोट किया क्योंकि उन्हें उनमें अपना ही अक्स दिखाई देता है.
पूर्व में बहुमत अंकगणित से हासिल होता था, जो सामाजिक समूहों को एक साथ जोड़कर होता था, यह बहुमत सिर्फ वैचारिक मंच पर ही नहीं, बल्कि सत्ता में सभी की भागीदारी का वादा करके हासिल होता था. 2014 में भाजपा ने ख़ुद को चुनावी अंकगणित से दूर कर लिया और ध्रुवीकरण की प्रक्रिया से राष्ट्रीय बहुमत हासिल किया.
नई दिल्ली के कनॉट प्लेस का यह मामला 26 मई का है. आरोप है कि सुबह की सैर पर निकले पुणे के डॉ. अरुण गद्रे को रोककर कुछ युवाओं ने पहले उनका धर्म पूछा और फिर जय श्रीराम के नारे लगाने को मजबूर किया.
क्या नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जल्द ही उन्हें हासिल जनादेश की ग़लत व्याख्या करने और उसको अपनी सारी कारस्तानियों पर जनता की मुहर मान लेने की ग़लती करने लगेगी?