विशेष रिपोर्ट: 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में बिहार के रहने वाले दो सीआरपीएफ जवान भी शहीद हुए थे. हमले के एक साल बाद इनके परिजनों का कहना है कि शहादत के बाद सरकार की तरफ से बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन सारे कागज़ी निकले.
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद होने वाले सीआरपीएफ इंस्पेक्टर पिंटू कुमार सिंह के चाचा संजय कुमार सिंह ने कहा कि पिंटू को वह सम्मान नहीं मिला जो उन्हें राज्य सरकार से मिलना चाहिए था. एनडीए का कोई भी नेता वहां मौजूद नहीं था.
जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में गुरुवार से शुरू हुई मुठभेड़ रविवार को समाप्त हो गई. मुठभेड़ में एक स्थानीय नागरिक की भी मौत हो गई.
पूर्व-अर्धसैनिक बलों के कल्याण संघों के महासचिव रणबीर सिंह कहते हैं कि सेना के किसी निचले रैंकिंग के सैनिक का वेतन उसी रैंकिंग के सीआरपीएफ सैनिक के वेतन से 50 फीसदी अधिक होता है और इसका असर पेंशन पर भी पड़ता है.
दंतेवाड़ा ज़िले के पालनार गांव के शासकीय छात्रावास में रक्षाबंधन कार्यक्रम के दौरान सीआरपीएफ के दो कर्मचारियों पर छेड़खानी का आरोप है.