सरकार ने 2024 तक प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत 23 राज्यों के कुल 102 शहरों की पहचान की है. इसमें से एक दिल्ली भी है.
सुप्रीम कोर्ट ने सम-विषम योजना से कुछ वाहनों को छूट प्रदान करने पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा और कहा कि यह योजना लागू होने के बावजूद राजधानी में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर चर्चा के लिए संसदीय समिति की बैठक में 28 में से महज चार सांसदों ने हिस्सा लिया. समिति में शामिल दिल्ली से भाजपा के एकमात्र सांसद गौतम गंभीर इंदौर में भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहे टेस्ट मैच में कमेंटरी करते देखे गए.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार सभी निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पाई गई है. अनेक स्थानों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर सामान्य से कम से कम आठ गुना अधिक था.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में शनिवार को हवा चलने के कारण प्रदूषण स्तर में गिरावट दर्ज की गई थी, जिसके बाद वह 'बहुत खराब' से 'खराब' श्रेणी में आ गई.
द वायर एक्सक्लूसिव: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिन थर्मल पावर प्लांट की सात इकाइयों के प्रदूषण स्तर की निगरानी की थी, उनमें से पांच निर्धारित मानकों का पालन कर रही थीं. अडानी पावर की दो इकाइयां इन मानकों पर खरी नहीं पाई गईं. 17 मई को पर्यावरण मंत्रालय ने प्रदूषण बोर्ड की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए थर्मल पावर प्लांट के वायु प्रदूषण मानक को हल्का करने की सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी.
एनजीटी के कहा कि खराब टायरों के आयात पर रोक लगाया जाए ताकि भारत दूसरे देशों के खतरनाक कचरे का घर नहीं बन पाए.
राजस्थान सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 33 ज़िलों को भूजल के हिसाब से कुल 295 ब्लॉक में बांटा गया है, जिनमें से 184 ब्लॉक अतिदोहित श्रेणी में आ गए हैं. इसका मतलब है कि आधे से ज़्यादा राज्य में ज़मीनी पानी कभी भी समाप्त हो सकता है.
पर्यावरण मंत्रालय ने संसद में बताया कि केंद्रीय भूजल बोर्ड ने विभिन्न राज्यों में फ्लोराइड, आर्सेनिक, नाइट्रेट और आयरन सहित अन्य हानिकारक धातुओं की भूजल में निर्धारित मानकों से अधिक मात्रा पाए जाने की पुष्टि की है.
राज्य सरकार के अवैध कोयला खनन को रोकने में नाकाम रहने पर एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर यह जुर्माना लगाया था.
ओज़ोन एक घातक गैस है. यहां तक कि थोड़े समय के लिए भी इसके संपर्क में आने पर श्वांस की स्थिति और अस्थमा पीड़ितों की स्थिति काफी ख़राब हो सकती है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हालिया आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक गंगा नदी का पानी पीने एवं नहाने योग्य नहीं है. बोर्ड द्वारा जारी एक मानचित्र में नदी में ‘कोलीफॉर्म’ जीवाणु का स्तर बहुत बढ़ा हुआ दिखाया गया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2017-18 में मानसून से पहले जिन 41 स्थानों से होकर गंगा नदी गुजरती है उनमें से 37 पर नदी का पानी प्रदूषित था. वहीं मानसून के बाद 39 में से केवल एक स्थान पर नदी का पानी साफ था.
द वायर एक्सक्लूसिव: सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी से पता चलता है कि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे’ के बावजूद गंगा की सेहत सुधरने के बजाय और ख़राब हुई है.
एनजीटी ने मुरादाबाद में रामगंगा नदी के किनारे ई-कचरे के निस्तारण की कार्रवाई में नाकामी को लेकर प्रदेश सरकार के साथ ज़िलाधिकारी पर भी जुर्माना लगाया है.