गृह मंत्रालय के एक पत्र से पता चला है कि आलोक वर्मा के पीएफ व अन्य लाभ पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि वह अनधिकृत अवकाश पर चले गए. पिछले साल सीबीआई निदेशक रहने के दौरान आलोक वर्मा और तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, इसके बाद सरकार ने आलोक वर्मा को पद से हटा दिया था.
सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा को नौ जनवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित कॉलेज श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम में बतौर वक्ता शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया गया था.
केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई के डीआईजी अनीश प्रसाद का कार्यकाल बीच में ही समाप्त करते हुए उनके मूल कैडर वापस भेज दिया गया है. वे उन 14 अधिकारियों में शामिल थे, जिनका वर्मा-अस्थाना विवाद के बाद 24 अक्टूबर को तबादला किया गया था.
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि जांच ब्यूरो के निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया अब तक पूरी हो जानी चाहिए थी क्योंकि यह पहले से ही मालूम था कि एजेंसी प्रमुख जनवरी में सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
सीबीआई विवाद: एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ लगे आरोपों की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एमके सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, एक राज्यमंत्री और विधि सचिव पर जांच रोकने की कोशिश करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
सीबीआई में चल रहे विवाद के बाद दो वरिष्ठतम अधिकारियों- आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने के बाद से विपक्षी दलों के हमलों के बाद इस कार्रवाई के संबंध में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र की मोदी सरकार का पक्ष रखा.