बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर शहर में सेवा संकल्प एवं विकास समिति नाम के एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों के साथ पिछले साल यौन शोषण का मामला सामने आया था. एनजीओ का संचालक ब्रजेश ठाकुर मुख्य आरोपी है.
नोट: ये ख़बर समाचार एजेंसी भाषा की ओर से गलती से जारी कर दी गई थी. पाठकों को हुई असुविधा के लिए हमें खेद है.
सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने शीर्ष अदालत से मांग की कि मामला सीबीआई को न देते हुए उसे एक मौका और मिलना चाहिए, जिसे ठुकराते हुए अदालत ने कहा कि सरकार ने अपना काम ठीक से नहीं किया.
मामले का खुलासा होने के बाद बालिका गृह की लड़कियों ने पूछताछ में एक किशोरी की मौत होने की बात कही थी. मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के एक स्टाफ की निशानदेही पर श्मशान घाट से कंकाल बरामद किया.
मामले की जांच के दौरान बिहार की सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया था. उच्चतम न्यायालय ने बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा से पूछताछ करने को कहा है.
मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह में हुए यौन उत्पीड़न मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक के पटना हाईकोर्ट के आदेश को एक स्थानीय पत्रकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
अदालत ने जांच की जानकारी लीक होने को लेकर नाराज़गी जताते हुए मीडिया को इसके प्रकाशन से परहेज करने को कहा है. साथ ही सीबीआई को अगली सुनवाई में जांच अधिकारी के तबादले का कारण बताने का आदेश दिया है.
समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा कुशवाहा समाज से आती हैं, जिसका बिहार में ओबीसी समुदाय के वोटबैंक में आठ प्रतिशत का योगदान है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव नज़दीक होने की वजह से उन्हें हटाकर राजग अपने वोटबैंक का नुकसान नहीं करना चाह रहा था.
मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह से कथित रूप से भागी चार में से एक लड़की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मिली है. वह उन चार लड़कियों में शामिल थी जो भागने में कामयाब रहीं जबकि तीन अन्य की मौत हो चुकी है.
एक जून से 14 जून तक बिहार के सूचना व जनसंपर्क विभाग की ओर से मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के अख़बार ‘प्रातः कमल’ के नाम 14 विज्ञापन जारी किए गए. सूचना व जनसंपर्क विभाग ख़ुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संभालते हैं.
मुज़फ़्फ़रपुर स्थित एक बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों के बलात्कार और यौन उत्पीड़न मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोषियों को न बख्शने की बात कही.
ब्रजेश के स्वामित्व वाले अख़बार 'प्रात: कमल' की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं लेकिन प्रसारण संख्या 60,862 प्रति रोजाना दिखाकर बिहार सरकार से हर वर्ष क़रीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन लिए जाते थे.
ब्रजेश के स्वामित्व वाले एक हिंदी दैनिक की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं लेकिन प्रतिदिन 60,862 प्रतियां छपीं दिखाकर बिहार सरकार से प्रति वर्ष करीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन मिलते थे. आरोपी राज्य जनसंपर्क विभाग से मान्यता प्राप्त पत्रकार था.
मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के सेवा संकल्प एवं विकास समिति नाम के एनजीओ द्वारा मुज़फ़्फ़रपुर के छोटी कल्याणी इलाके में संचालित स्वयं सहायता समूह का मामला. ठाकुर के ख़िलाफ़ एक और प्राथमिकी दर्ज.
मीडिया बोल की 60वीं कड़ी में उर्मिलेश बिहार में मुज़फ़्फ़रपुर के एक बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों से बलात्कार के मामले पर हुई मीडिया कवरेज पर पत्रकार अलका रंजन और सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार शीतल प्रसाद सिंह से चर्चा कर रहे हैं.