पिछले दो-तीन दशकों में ‘सांप्रदायिक चेतना का ग्रामीणीकरण’ हुआ है. परंपरागत भारतीय समाज में हमारे बुज़ुर्गों ने सांप्रदायिकता से निपटने के लिए अपनी एक प्रणाली विकसित की थी.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने माकपा की कथित हिंसा के विरोध में 15 दिन की पदयात्रा शुरू की, माकपा ने लगाया तनाव फैलाने का आरोप.
संघ प्रमुख की फोटो पर मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेता कल्पना परुलेकर ने तत्कालीन लोकायुक्त पीपी नावलेकर का चेहरा लगा दिया था. सज़ा मिलने के तुरंत बाद ही मिली ज़मानत.
दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशताब्दी से कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड एक ई-बुक में भाजपा को देश का एकमात्र राजनीतिक विकल्प बताया गया है.
जन गण मन की बात की 128वीं कड़ी में विनोद दुआ भारत में बढ़ती बेरोज़गारी और आधार पर चर्चा कर रहे हैं.
पनामा पेपर मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद नवाज़ शरीफ़ को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था.
हरियाणा पुलिस ने पंजाब में जिरकपुर-पटियाला रोड से गिरफ़्तार किया. पंचकूला हिंसा में वांछितों की सूची में हनीप्रीत का नाम सबसे ऊपर है.
नाराज़ समर्थकों ने रोडवेज़ की बस फूंकी. ज्ञानपुर सीट से राजेश यादव इस बार हुए विधानसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी थे.
मानव समाज के 3400 सालों के लिखित इतिहास में केवल 268 साल शांति वाले रहे हैं यानी इस धरती ने बस आठ प्रतिशत समय शांति के साथ गुज़ारा है.
इस साल मार्च में लोकसभा ने दलों को कॉर्पोरेट घरानों से मिलने वाले चंदे में ढील देने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी थी.
स्वतंत्र पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी बता रही हैं कि एक लोकतंत्र में अगर सरकार नागरिकों पर हमला कर रही है तो हम किस लोकतंत्र में रह रहे हैं?
अमेरिका के इतिहास में गोलीबारी की अब तक हुई सबसे घातक घटना में 400 से ज़्यादा लोग घायल.
मीडिया बोल की 17वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश मीडिया पर कॉरपोरेट दबाव और क़ानूनी बंदिशों पर कारवां पत्रिका के राजनीतिक संपादक हरतोष सिंह बल और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु के साथ चर्चा कर रहे हैं.
अब यह हम पर निर्भर है कि क्या हम ये होने देंगे या अपने दौर के लिए एक नया गांधी रचेंगे.
बाद में अभिनेता ने कहा, ‘मैं मूर्ख नहीं हूं कि ख़ुद को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दूं. यह मुझे मेरे काम की वजह से मिला है और मुझे इस पर गर्व है.’