इंसान की आज़ादी सबसे ऊपर है. जो ज़मानत एक टीवी कार्यक्रम करने वाले का अधिकार है, वह अधिकार गौतम नवलखा या फादर स्टेन का क्यों नहीं, यह समझ के बाहर है. अदालत कहेगी हम क्या करें, आरोप यूएपीए क़ानून के तहत हैं. ज़मानत कैसे दें! लेकिन ख़ुद पर यह बंदिश भी खुद सर्वोच्च अदालत ने ही लगाई है.
इंसानियत का ज़िक्र कहीं तहखाने में फ़ेंक दी गई संवेदना को जगाने की ताक़त रखता है, इसीलिए सत्ता इस शब्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती. बावजूद ऐतिहासिक दुरुपयोग के मानवता शब्द में एक विस्फोटक क्षमता है. इसे अगर ईमानदारी से इस्तेमाल करें, तो यह भीतर तक जमी बेहिसी की चट्टानी परतों को छिन्न-भिन्न कर सकता है.
एल्गार परिषद मामले में जेल में बंद कार्यकर्ताओं गौतम नवलखा, हेनी बाबू और सुधा भारद्वाज ने कहा है कि पिछले कई महीने से परिवार द्वारा भेजी जा रहीं किताबें उन्हें नहीं मिल रही हैं. हालांकि जेल प्रशासन ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एल्गार परिषद मामले में पूछताछ के लिए हैदराबाद की ईएफएलयू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के सत्यनारायण और द हिंदू के पत्रकार केवी कुरमानाथ को तलब किया है. ये दोनों कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव के दामाद हैं.
भीमा कोरेगांव मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेनी बाबू की गिरफ़्तारी के बाद लेखक अरुंधति रॉय ने केंद्र सरकार की आलोचना की हैं, वहीं जेएनयू छात्रसंघ ने कहा कि इस मामले में हुई घटिया जांच का एकमात्र निशाना वे कार्यकर्ता और स्कॉलर हैं जिन्होंने सत्तारूढ़ दल की नीतियों और सांप्रदायिकता पर सवाल उठाए हैं.
एनआईए ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को एल्गार परिषद मामले में मुंबई आकर गवाही देने के लिए कहा है. प्रोफेसर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वे अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और यात्रा नहीं करना चाहते हैं.
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू के नोएडा स्थित घर पर छापेमारी की. बाबू का कहना है कि पुलिस के पास छापा मारने का वारंट नहीं था.