इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की श्रेणी में शामिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2016 और 2019 में जारी अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें रद्द कर दिया. याचिका डॉ. बीआर आंबेडकर ग्रंथालय एवं जन कल्याण, गोरखपुर और अन्य ने दायर की थी.