दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा तथा अन्य की उन याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया, जिनमें उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में ख़ुद को बरी किए जाने के खिलाफ सीबीआई की अपील का विरोध किया था. इन्होंने दलील दी थी कि भ्रष्टाचार रोधी क़ानून में संशोधन के साथ ही मामला निष्फल हो चुका है.
वीडियोकॉन के अनुसार, दूरसंचार लाइसेंस रद्द होने से कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा. कंपनी को दूरसंचार सेवा कारोबार के लिए करीब 25 हज़ार करोड़ रुपये का ऋण लेना पड़ा था.
ऐसा लगता है कि मोदी के लिए भ्रष्टाचार भी बस एक और ‘जुमला’ था क्योंकि भाजपा द्वारा भ्रष्टाचार के लिए जिन्हें निशाना बनाया गया, वे न सिर्फ जीवित हैं, बल्कि उसके नेतृत्व में फल-फूल भी रहे हैं.
विशेष सीबीआई जज ने कहा, दूरसंचार विभाग के अधिकारियों की अकर्मण्यता ने लोगों को एक बड़े घोटाले की अटकलों के लिए विवश किया.
विशेष न्यायाधीश ने कहा, 'मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि सीबीआई किसी भी आरोपी के ख़िलाफ़ कोई आरोप साबित करने में नाकाम रहा है, जो आरोपपत्र में लगाए गए थे.'
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने पूछा कि मोदी, जेटली और भाजपा के तमाम नेताओं सहित जो लोग इस मामले में इल्ज़ामों की सीढ़ी बनाकर सत्ता तक पहुंचे, क्या वे अब देश से माफ़ी मांगेंगे.
विशेष अदालत ने सीबीआई और विशेष लोक अभियोजक की आलोचना करते हुए कहा, मुक़दमा अंत तक दिशाहीन हो गया.
सीबीआई जज ने कहा, 'कोई संदेह नहीं है कि अभियोजन पक्ष किसी भी आरोपी के ख़िलाफ़ कोई आरोप साबित करने में बुरी तरह असफल रहा है.'