मध्य प्रदेशः मंडला ज़िले में प्रस्तावित बसनिया बांध के विरोध में क्यों हैं स्थानीय

मंडला ज़िले की घुघरी तहसील के ओढ़ारी गांव में नर्मदा नदी पर बसनिया बांध प्रस्तावित है. बांध के चलते मंडला और डिंडौरी ज़िले के लगभग 31 आदिवासी बाहुल्य गांव डूब क्षेत्र में आएंगे और 2,700 से अधिक परिवार विस्थापित होंगे. 

मध्य प्रदेश: क्या शिवराज सरकार के पेसा क़ानून लागू करने की वजह आदिवासी हित नहीं चुनावी है?

मध्य प्रदेश सरकार बीते दिनों पेसा क़ानून लागू करने के बाद से इसे अपनी उपलब्धि बता रही है. 1996 में संसद से पारित इस क़ानून के लिए ज़रूरी नियम बनाने में राज्य सरकार ने 26 साल का समय लिया. आदिवासी नेताओं का कहना है कि शिवराज सरकार के इस क़दम के पीछे आदिवासियों की चिंता नहीं बल्कि समुदाय को अपने वोट बैंक में लाना है.

लातेहार अदालत में हिंसा: झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और डीजीपी से जवाब तलब किया

बीते 10 अक्टूबर को झारखंड की लातेहार ज़िला स्थित दीवानी अदालत का टाना भगत आदिवासी समुदाय द्वारा कथित तौर पर घेराव करने के साथ और प्रधान न्यायाधीश के चेंबर को कई घंटों तक बंद रखा गया था. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत अदालत का परिचालन और बाहरी लोगों के रोज़गार एवं प्रवेश पर रोक है. पुलिस ने इस मामले में 30 आदिवासियों को गिरफ़्तार किया है.

झारखंड: आदिवासी इलाकों में ग्राम सभाएं बचा रही हैं ज़मीनी लोकतंत्र

आदिवासी इलाकों में ग्राम सभाओं ने आदिवासियों को सशक्त किया है, गांवों में उम्मीद जगाई है, इसके कई उदाहरण झारखंड के गुमला ज़िले में देखने को मिलते हैं. चैनपुर प्रखंड की आदिवासी महिलाएं बताती हैं कि ग्राम सभा की मदद से ग्रामीणों ने आस-पास के जंगलों, पहाड़ों, चट्टानों, नदियों की सुरक्षा का ज़िम्मा उठाया है.

झारखंड: भाजपा पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों की स्वशासन प्रणाली को ध्वस्त कर रही है

पेसा क़ानून पारित होने के दो दशक बाद भी झारखंड में यह एक सपना मात्र है. राज्य के 24 में से 13 ज़िले पूर्ण रूप से और तीन ज़िलों का कुछ भाग अनुसूचित क्षेत्र है, लेकिन अभी तक राज्य में पेसा की नियमावली तक नहीं बनाई गई है.

‘संविधान ने आदिवासियों के संरक्षण का ज़िम्मा सरकार को सौंपा था, लेकिन वो उन्हें ख़त्म कर रही है’

आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम कर रहे जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा से बातचीत.