केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरपर्सन नितिन गुप्ता ने कहा कि क़रीब 48 करोड़ पैन कार्ड को अब तक आधार से जोड़ा जा चुका है. अब भी 13 करोड़ पैन कार्ड ऐसे हैं, जिन्हें आधार से लिंक नहीं किया गया है. सरकार ने कहा है कि मौजूदा समय से 31 मार्च के बीच पैन को आधार से जोड़ने के लिए 1,000 रुपये का शुल्क देना होगा.
यूआईडीएआई ने कहा कि नागरिक परिवार के मुखिया से संबंध दर्शाने वाला कोई दस्तावेज़- जैसे राशन कार्ड, पासपोर्ट आदि जमा कर पते को ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं. अगर किसी के पास ऐसा कोई दस्तावेज़ नहीं है तो वह परिवार के मुखिया की तरफ से एक निर्धारित प्रारूप में की गई स्व-घोषणा जमा कर सकता है.
रिथिंक आधार, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, बहुजन इकोनॉमिस्ट्स, पीयूसीएल, द इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन, एमकेएसएस और नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट्स सहित 14 संगठनों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि इससे सामूहिक तौर पर मताधिकार से वंचित किया जा सकता है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की वजह से विभिन्न हितधारकों के सामने आ रही समस्या को ध्यान में रखते हुए समयसीमा बढ़ा दी गई है. इसके अलावा पैन को आधार से जोड़ने के लिए आयकर विभाग को आधार संख्या की सूचना देने की समयसीमा 30 सितंबर, 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दी गई है.
इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद राज्य की विधानसभा को कोरोना वायरस के मद्देनजर अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में कहा, 'एनपीआर के लिए कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे. अगर किसी के पास कोई जानकारी नहीं है तो उसे साझा करने की जरूरत नहीं है.'
वीडियो: द वायर द्वारा प्राप्त किए गए आधिकारिक दस्तावेज़ों से खुलासा होता है कि किस तरह केंद्र की मोदी सरकार काफी पहले से एनपीआर में आधार को ‘अनिवार्य’ करने का न सिर्फ़ मन बना चुकी थी, बल्कि करीब 60 करोड़ आधार नंबर को एनपीआर से जोड़ने का काम भी पूरा हो चुका है.
विशेष रिपोर्ट: द वायर द्वारा प्राप्त किए गए आधिकारिक दस्तावेज़ों से पता चलता है कि 15 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तत्कालीन प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें आधार जारी करने, एनपीआर डेटाबेस के साथ आधार नंबर को जोड़ने और समय-समय पर एनपीआर में आधार नंबर अपडेट करने को लेकर चर्चा की गई थी.
द वायर एक्सक्लूसिव: दस्तावेज़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार ने एनपीआर में अनिवार्य रूप से आधार इकट्ठा करने के लिए आधार क़ानून या नागरिकता क़ानून में भी संशोधन करने का प्रस्ताव रखा था.
द वायर एक्सक्लूसिव: गृह मंत्रालय आश्वासन दे रहा है कि जिन लोगों के पास आधार नंबर नहीं है उन्हें एनपीआर अपडेट करने के दौरान ऐसे दस्तावेज़ देने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. हालांकि प्राप्त किए आधिकारिक दस्तावेज़ सरकार के इन आश्वासनों पर सवालिया निशान खड़े करते हैं.
दिवंगत पत्रकार प्रभाष जोशी की जयंती पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी कहा कि आधार नई तकनीक है जो आपसे जुड़ी सारी जानकारी ले लेती है. किसी व्यक्ति की पहचान अब सिर्फ एक नंबर हो गया है.
यूआईडीएआई ने सरकारी विभागों और राज्य सरकारों से कहा है कि आधार संख्या नहीं होने पर आवश्यक सेवाओं और लाभ से वास्तविक लाभार्थी को उसका लाभ लेने से मना नहीं किया जाए.
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार यह क्यों जानना चाहती कि लोग कौन-सी दवा खाते हैं या कौन-सा सिनेमा देखते हैं. नारायणमूर्ति ने कहा कि वह चिदंबरम से सहमत नहीं.
जन गण मन की बात की 143वीं कड़ी में विनोद दुआ गुजरात में विपक्ष की स्थिति और आधार पर उठ रहे सवालों पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 142वीं कड़ी में विनोद दुआ भाजपा द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी का जश्न मनाते हुए कालाधन विरोधी दिवस मनाने और महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज़ माफ़ी में हुए फर्ज़ीवाड़े पर चर्चा कर रहे हैं.