ख़बर बनाने के लिए एक व्यक्ति को विधान भवन के सामने आत्मदाह के लिए उकसाने के मामले में आरोपी को ज़मानत से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पत्रकार का काम है कि वे समाज में होने वाली प्रत्याशित या एकाएक हुई घटना पर नज़र रखें और बिना किसी लाग-लपेट के उसे दुनिया के सामने लाएं.
एक मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अगर कोई कथित थप्पड़ मारने को उकसावा मानता है तो उसे ध्यान रखना चाहिए कि कथित आचरण ऐसा हो कि कोई सामान्य विवेक का व्यक्ति ऐसी स्थिति में आत्महत्या कर ले.