बीते 7 फरवरी को हरियाणा की ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने अयोध्या के ‘राम मंदिर’ को लेकर एक चर्चा का आयोजन किया था, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने संस्थान की आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए दो छात्रों को पूरे सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया था. दोनों पर कार्यक्रम के दौरान ‘अपमानजनक और भड़काऊ बयान’ देने का आरोप है.
2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपी सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने इस आधार पर आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया था कि उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए काम करने वाले संगठन ‘अभिनव भारत’ की बैठकों में हिस्सा लिया, जिसमें मालेगांव धमाके की साज़िश रची गई थी.
हिंदूवादी संगठन अभिनव भारत से जुड़े एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि सावरकर का नाम प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग रोकथाम) क़ानून में शामिल हो ताकि उन पर किसी तरह का आक्षेप न लगाया जा सके.