जम्मू के हथकरघा और हस्तशिल्प निदेशालय द्वारा दो पदों के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के दो उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किए जाने को लेकर स्थानीय निवासी नाराज़ हैं. उनका कहना है कि जब सूबे में बेरोज़गारी चरम पर है तो दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरियां क्यों दी जा रही हैं.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए पारित प्रस्ताव का विरोध करते हुए विपक्ष ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के लिए प्रस्ताव पारित न कर केवल राज्य के दर्जे की मांग तक सिमट जाना बड़ी नाकामयाबी है, वो भी तब जब 370 के नाम पर वोट मांगा गया था.
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण में जम्मू की आठ और घाटी की 16 सीटों पर मतदान हुआ है, जहां के चुनावी आंकड़े 2014 के पिछले चुनाव के समान ही रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में एक दशक बाद हो रहे विधानसभा चुनाव से पहले जेल से लोकसभा चुनाव जीतने वाले इंजीनियर राशिद को ज़मानत मिलने से ऐसे क़यासों को हवा मिल रही है कि राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की प्रॉक्सी है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन दलों के नाम बताए हैं जिनके साथ भाजपा सरकार नहीं बनाएगी, लेकिन उन्होंने निर्दलियों, अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पर चुप्पी साध ली. इस बीच, अमित शाह ने कहा है कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस की सरकार बनती है तो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद लौट आएगा.
निवासियों का कहना है कि संविधान की छठी अनुसूची में जोड़े बिना लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने से कोई लाभ नहीं मिला है. लद्दाख के भाजपा नेता भी यह मांग उठा रहे हैं.
भारतीय संसद द्वारा पारित 'जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019' के तहत लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, विकास के तमाम दावे किए गए थे. क्या बीते पांच साल में लद्दाख की बयार बदली है?
कश्मीर का भारत में विलय सामाजिक-सांस्कृतिक प्रक्रिया है, जिसे दैनिक स्तर पर अंजाम दिए बगैर काम नहीं चलेगा.
दक्षिणपंथी कश्मीर को मुस्लिम आक्रांता की भूमि घोषित कर इसका भारत से अलगाव गहरा कर रहे हैं. पिछले पांच वर्षों में कश्मीर की भारत से खाई बढ़ गई है.
अगस्त 2019 में दावे किए जा रहे थे कि बहुत जल्द पंडित लौटकर कश्मीर आ जाएंगे, बाकी हिंदुस्तानी भी पहलगाम और सोनमर्ग में ज़मीन ख़रीद सकेंगे. लेकिन हालात ऐसे बिगड़े कि घाटी में बचे रह गए पंडित भी अपना घर छोड़कर जाना चाह रहे हैं.
बीते साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में निर्देश दिया था कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए और निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक वहां विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए.
श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने सोमवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि बजट बनाना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन इस समय हमारे पास लोकतंत्र नहीं है.
'द फोरम फॉर ह्यूमन राइट्स इन जम्मू एंड कश्मीर'की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2015 से मार्च 2019 के बीच जम्मू कश्मीर के नेट स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट (एनएसडीपी) में 13.28% की वार्षिक वृद्धि हुई थी. 2019 में इसके केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह वृद्धि घटकर 8.73% रह गई है.
पुस्तक अंश: 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात पर केंद्रित रोहिण कुमार की पुस्तक ‘लाल चौक’ का एक अंश.
कश्मीर में इस वक्त दो भावनाएं साथ बहती हैं: गहरा आक्रोश व अपमान, और घनघोर निराशा कि यह स्थिति अपरिवर्तनीय है. न पाकिस्तान आज़ादी दिला सकता है, न केंद्र की कोई आगामी सरकार 5 अगस्त से पहले की स्थिति बहाल कर पाएगी.