अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 में भारत में मानवाधिकार की स्थिति पर जारी एक वार्षिक रिपोर्ट में मनमानी गिरफ़्तारियों, यूएपीए के इस्तेमाल और 'बुलडोज़र न्याय' जैसी विभिन्न घटनाओं का ज़िक्र करते हुए देश में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई है.
एनआईए की एक विशेष अदालत ने जांच अवधि की सीमा बढ़ाए जाने संबंधी एनआईए के एक आवेदन को स्वीकार करते हुए कहा कि जांच अभी जारी है, इसलिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. एनआईए ने बीते साल 22 नवंबर को टेरर फंडिंग से जुड़े एक मामले में ख़ुर्रम परवेज़ और दो अन्य को गिरफ़्तार किया था.
एनआईए ने अपने पूर्व पुलिस अधीक्षक और आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक सदस्य को गोपनीय दस्तावेज़ लीक करने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. इसी मामले एनआईए छह लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है. इसमें से एक कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को एनआईए ने पिछले साल गिरफ़्तार किया था.