गुजरात विधानसभा के समक्ष पेश अपनी पांचवीं रिपोर्ट में लोक लेखा समिति ने बताया है कि वन और पर्यावरण विभाग द्वारा मुंद्रा पोर्ट और कच्छ में स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (सेज़) में अडानी केमिकल्स को दी गई वन भूमि के अनुचित वर्गीकरण के कारण कंपनी ने राज्य सरकार को 58.64 करोड़ रुपये कम भुगतान किया.
डीआरआई इंडोनेशिया से 2011 से 2015 के बीच कोयला आयात के दौरान 29,000 करोड़ रुपये के कथित ओवर-वैल्यूएशन की जांच कर रहा है.