कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने अडानी एंटरप्राइजेज मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की. इन दलों की ओर से कहा गया कि अडानी मुद्दे पर मोदी सरकार स्पष्ट रूप से घिरी हुई है. वह संसद में इस मामले का ज़िक्र भी नहीं होने देना चाहती है. यही कारण है कि विपक्ष द्वारा इस महाघोटाले को लेकर जेपीसी गठन की मांग रखने का मौका दिए बिना बृहस्पतिवार दोपहर 2 बजे के बाद दोनों सदनों को
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर टैक्स हैवन समझे वाले जाने वाले देशों में स्थापित कंपनियों के अनुचित और व्यापक उपयोग का आरोप लगाया है और क़र्ज़ के उच्च स्तर को लेकर चिंता व्यक्त की है. समूह अपनी ऑस्ट्रेलियाई इकाई ब्रावस के माध्यम ऑस्ट्रेलिया में व्यवसाय करता है.
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों के मद्देनज़र कंपनी के निदेशक मंडल ने फैसला किया है कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा. निवेशकों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है और उन्हें किसी तरह के संभावित नुकसान से बचाने के लिए निदेशक मंडल ने एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया है.
अमेरिकी निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में अडानी समूह पर ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया है. अडानी समूह ने इन आरोपों को नकारा है, जिसके बाद फर्म की ओर से कहा गया है कि धोखाधड़ी, धोखाधड़ी ही होती है चाहे इसे दुनिया के सबसे अमीर आदमी ने अंजाम क्यों न दिया हो.
अडानी एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड ने शेयर बाज़ार को बताया कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी ने उसके 20,000 करोड़ के एफपीओ में एंकर निवेशक के तौर पर 300 करोड़ रुपये निवेश करके 9,15,748 शेयर ख़रीदे हैं. विपक्ष के नेता धोखाधड़ी के आरोपों के बीच एलआईसी और एसबीआई के अडानी समूह में निवेश पर सवाल उठा चुके हैं.
अमेरिकी निवेशक अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में अडानी समूह पर ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद समूह के शेयरों में गिरावट देखी गई है. समूह के शेयरों में निवेश की वजह से एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकार-नियंत्रित वित्तीय संस्थानों के बाज़ार पूंजीकरण में भी गिरावट दर्ज हुई है.
अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह के ख़िलाफ़ लगाए गए शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी के आरोपों के बाद समूह ने क़ानूनी विकल्पों पर विचार की बात कही है. इस पर हिंडनबर्ग ने कहा है कि अगर वे गंभीर हैं तो उन्हें अमेरिका में भी मुक़दमा दायर करना चाहिए.
वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग का कहना है कि उसके दो साल के शोध के बाद पता चला है कि 17,800 अरब रुपये मूल्य वाले अडानी समूह के नियंत्रण वाली मुखौटा कंपनियां कैरेबियाई और मॉरीशस से लेकर यूएई तक में हैं, जिनका इस्तेमाल भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी को अंजाम देने के लिए किया गया. समूह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
15 दिसंबर 2022 को अडानी समूह ने हिमाचल प्रदेश में अपने दो सीमेंट संयंत्रों को ट्रक ड्राइवरों के साथ मतभेदों के कारण बंद कर दिया था, जिससे 20,000 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं. अब सरकार को एक पत्र भेजकर अडानी समूह ने संयंत्र वापस शुरू करने की अपने शर्तें बताई हैं, जिनमें ट्रक ऑपरेटर्स को कम भाड़ा देने और अधिक दूरी तय करने का प्रस्ताव रखा गया है.
स्वीडन की रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी साब और अडानी समूह ने वर्ष 2017 में भारत में लड़ाकू विमान बनाने के लिए साथ मिलकर काम करने का ऐलान किया था, लेकिन अब साब इंडिया के अध्यक्ष ने कहा है कि वे उस कंपनी के साथ साझेदारी करेंगे, जिसमें उन्हें 74 फीसदी हिस्सेदारी मिले.
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के जैव-विविधता वाले हसदेव अरण्य में अडाणी समूह द्वारा संचालित और राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के स्वामित्व वाली कोयला खनन परियोजना पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि हम विकास के रास्ते में नहीं आना चाहते हैं और हम इस मामले में बहुत स्पष्ट हैं.
केरल के विझिंजम इलाके में अडाणी समूह की अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना का पिछले कुछ समय से मछुआरे विरोध कर रहे हैं. बीते 26 और 27 नवंबर को प्रदर्शनों के दौरान हिंसक झड़पें हुईं थी. अडाणी समूह ने विरोध प्रदर्शन के कारण कामकाज में आ रहीं बाधाओं को लेकर हाईकोर्ट से केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश देने का आग्रह किया गया था.
अडानी समूह द्वारा एनडीटीवी में हिस्सेदारी खरीदने के बाद एनडीटीवी इंडिया के समूह संपादक रवीश कुमार ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि जनता को चवन्नी समझने वाले जगत सेठ हर देश में हैं. अगर वो दावा करें कि वे सही सूचनाएं देना चाहते हैं, तो अर्थ है कि वो अपनी जेब में डॉलर रखकर आपकी जेब में चवन्नी डालना चाहते हैं.
दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी में से एक धारावी की पुनर्विकास परियोजना के तहत 6.5 लाख झुग्गीवासियों का पुनर्वास होना है. अडाणी समूह ने इसके लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाते हुए डीएलएफ समूह को पीछे छोड़ा है. परियोजना के सीईओ ने बताया कि सरकार को ब्योरा भेजने के बाद बोलीदाता को अंतिम मंज़ूरी मिलेगी.
केरल के विझिंजम इलाके में अडाणी समूह की अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना का पिछले कुछ समय से मछुआरे विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शनों के कारण निर्माण कार्य में बाधा पहुंचने को लेकर अडाणी समूह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.