भारत सरकार के विद्युत निर्यात नियमों के तहत अडानी पावर का झारखंड स्थित गोड्डा संयंत्र अपना समस्त उत्पादन बांग्लादेश को बेचने के लिए अनुबंधित था, लेकिन अब वह घरेलू बाजार में आपूर्ति कर सकेगा. गौरतलब है कि यह संशोधन बांग्लादेश में व्याप्त अस्थिरता के बीच हुआ है.
एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि गौतम अडानी के नेतृत्व वाला अडानी समूह बकाया ऋण की शर्तों पर फिर से बातचीत करना चाहता है, जो कि 4 बिलियन डॉलर के हैं. अडानी समूह ने यह क़र्ज़ पिछले साल अगस्त में स्विट्ज़रलैंड के होल्सिम समूह से लिया था.
साल 2017 में ईपीडब्ल्यू पत्रिका में छपे एक लेख को लेकर अडानी समूह ने इसके तत्कालीन संपादक और लेख के सह-लेखक प्रंजॉय गुहा ठाकुरता के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर किया था. अब गुजरात की एक अदालत ने ठाकुरता की गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया है.
सीबीआई का आरोप है कि महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के चार पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने नामजद कंपनियों के साथ मिलकर कोयला आपूर्ति के एक मामले में महानदी कोलफील्ड्स को चूना लगाने की साजिश रची.
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने टाटा पावर, अडाणी पावर और एस्सार पावर को आयातित कोयले की ऊंची लागत का भार स्थानांतरित करने के लिए किसी तरह के क्षतिपूरक शुल्क नहीं लेने का आदेश दिया था.
सरकार ने चुपके से स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन से जुड़े नियमों में बदलाव किए, जिसका सीधा फ़ायदा अडानी समूह को पहुंचा.
अडाणी-टाटा पावर ने दलील दी थी कि रुपये की कीमत गिरने और इंडोनेशिया से आने वाला कोयला महंगा होने के कारण उनकी लागत बढ़ गई है.