मध्य प्रदेश: बरसों से उपेक्षित आदिवासी समुदाय अचानक राजनीति के केंद्र में क्यों आ गया है

हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 नवंबर यानी बिरसा मुंडा जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने और इस रोज़ भव्य आयोजन करने की घोषणा की थी. सरकार व भाजपा संगठन का कहना है कि 15 नवंबर तक वे प्रदेश भर में जनजातियों से जुड़े विभिन्न आयोजन करेंगे. विपक्षी कांग्रेस भी प्रदेश में ‘आदिवासी अधिकार यात्रा’ निकाल रही है.

असम: सरकारी नौकरी पाने के लिए एससी, एसटी, आदिवासी को दो बच्चों के नियम से छूट दी गई

असम मंत्रिमंडल ने राज्य की क़रीब 11 लाख महिलाओं का सूक्ष्म ऋण माफ़ करने के लिए 1,800 करोड़ रुपये और सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान पेपर मिल्स (एचपीसी) की बंद पड़ी दो इकाइयों की परिसंपत्ति अधिग्रहित करने के लिए 700 करोड़ रुपये मंज़ूर किए. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि इससे 11 लाख महिलाओं के 25 हज़ार रुपये तक के क़र्ज़ माफ़ होंगे.

मध्य प्रदेश: आदिवासी की बेरहमी से पिटाई कर वाहन से बांधकर घसीटा गया, इलाज के दौरान मौत

मध्य प्रदेश के नीमच ज़िले की घटना. पुलिस ने बताया कि इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. बाइक से पीड़ित आदिवासी की टक्कर हो जाने के बाद कुछ लोगों ने उसे बेरहमी से पीटा था. इस घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने राज्य की भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है.

‘भारत का प्रधानमंत्री होने का… अधिकार हमारा है’

रघुवीर सहाय की 'अधिकार हमारा है' एक नागरिक के देश से संबंध की बुनियादी शर्त की कविता है. यह मेरा देश है, यह ठीक है लेकिन यह मुझे अपना मानता है, इसका सबूत यही हो सकता है कि यह इसके 'प्रधानमंत्री' पद पर मेरा हक़ कबूल करता है या नहीं. मैं मात्र मतदाता हूं या इस देश का प्रतिनिधि भी हो सकता हूं?

झारखंड: आदिवासी अस्मिता पर चुनाव जीती सरकार के कार्यकाल में भी आदिवासियों का दमन क्यों जारी है?

चाहे केंद्र में यूपीए की सरकार रही हो या वर्तमान एनडीए की, नक्सल अभियान के नाम पर आदिवासियों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा हिंसा जारी रहती है. इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि झारखंड में माओवादी हिंसा एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन इसे रोकने के नाम पर निर्दोष आदिवासियों के दमन का क्या औचित्य है? क्यों अभी भी आदिवासियों की पारंपरिक व सांस्कृतिक व्यवस्थाओं को दरकिनार कर सुरक्षा बल उनके क्षेत्र में घुसपैठ कर उन्हें परेशान कर

एससी/एसटी उत्पीड़न मामलों में 2019 में हुई 11.46 प्रतिशत की वृद्धि: सरकार

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने राज्यसभा को बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों के उत्पीड़न से संबंधित मामलों में जहां 2017 की तुलना में 2018 में 11.15 प्रतिशत की कमी आई थी, वहीं, 2019 में इनकी संख्या में 11.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई. साल 2015 से 2019 के बीच उत्तर प्रदेश में लगातार सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

बस्तर के ‘शाहीन बाग’ में युवाओं के नेतृत्व वाला अनोखा आंदोलन

बस्तर संभाग के सुकमा ज़िले के सिलगेर गांव में सीआरपीएफ के कैंप के विरोध में खड़े हुए जनांदोलन को दबाने और माओवादी बताने की कोशिशें लगातार हो रही हैं, लेकिन इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के इतनी आसानी से ख़त्म हो जाने के आसार नज़र नहीं आते.

छत्तीसगढ़: मछली चुराने के आरोप में सात आदिवासी युवकों की बेरहमी से पिटाई, दस गिरफ़्तार

मामला बलरामपुर जिले के त्रिकुंडा थाना क्षेत्र का है. पुलिस के मुताबिक, बीते 15 जून को गांव के एक तालाब से मछलियां चुराने का आरोप लगाते हुए सात आदिवासी युवकों को जबरन गांव के सरपंच के पति सत्यम यादव के फार्महाउस ले जाया गया. जहां उन्हें पेड़ से बांध कर पिटाई की गई और उन पर 35-35 हज़ार रुपया जुर्माना लगाया गया. इस मामले में ग्राम पंचायत के सरपंच के पति समेत दस लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया

छत्तीसगढ़: ‘आदिवासियों को भी विकास चाहिए, लेकिन वैसे नहीं जैसे सरकार चाहती है’

बस्तर संभाग के सुकमा ज़िले के सिलगेर गांव में 20 दिनों से हज़ारों ग्रामीण आंदोलनरत हैं. उनका कहना है कि उन्हें जानकारी दिए बिना उनकी ज़मीन पर राज्य सरकार ने सुरक्षाबल के कैंप लगा दिए हैं. ग्रामीणों को हटाने के लिए हुई पुलिस की गोलीबारी में तीन ग्रामीणों की मौत हुई है, जिसके बाद से आदिवासियों में काफ़ी आक्रोश है.

ओड़िशा: माली पहाड़ के लोग क़रीब दो दशकों से कंपनियों और व्यवस्था के खिलाफ क्यों खड़े हैं

देश जब कोविड- 19 से जूझ रहा है तब ओडिशा के माली पहाड़ के लोग कंपनी और सरकार से जूझ रहे हैं. वे सरकार से पूछ रहे हैं कि महामारी में लोगों की आवाजाही तो प्रतिबंधित हो गई है, पर कंपनियों का आदिवासी इलाकों में प्रवेश कब बंद किया जाएगा?

नियमगिरि पर्व लोगों के प्रतिरोध का उत्सव है…

नियमगिरि में धरणी पेनु सबसे बड़ी शक्ति हैं, जो धरती का स्वरूप कही जाती हैं. लोगों का विश्वास है कि धरती की पूजा सबसे पहले होनी चाहिए. बीते दिनों इनकी उपासना करते हुए नियमगिरि पर्व मनाकर लोगों ने अपनी एकता को मजबूत करने का संकल्प लिया.

‘सरकारें आदिवासियों का संघर्ष नहीं समझतीं, अमीरों की बजाय इन्हें ध्यान में रख नीति बननी चाहिए’

साक्षात्कार: कोंध समुदाय से आने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नाचिका लिंगा चासी मुलिया आदिवासी संंघ के नेता हैं और लंबे समय से ओडिशा में नशामुक्ति, ज़मीन अधिकार और आदिवासियों को बंधुआ मज़दूर बनाए जाने के ख़िलाफ़ काम कर रहे हैं. उनसे जसिंता केरकेट्टा की बातचीत.

क्यों शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश को उग्र हिंदुत्व की राह पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं

विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश में बीते कुछ महीनों में नए धर्मांतरण क़ानून, कई शहरों में सांप्रदायिक तनाव, कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी की गिरफ़्तारी समेत कई घटनाएं शिवराज सरकार का बदला हुआ रूप दिखा रही हैं.

मध्य प्रदेश: नए धर्मांतरण क़ानून के तहत चार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

सिवनी ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि क्षेत्र के सिमरिया गांव में आदिवासियों को दबाव और लालच के सहारे धर्मांतरण कराने का प्रयास किया जा रहा था, जिसे लेकर चार लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.

महाराष्ट्र: आदिवासी नेताओं ने चिड़ियाघर का नाम बाल ठाकरे के नाम पर रखने पर आपत्ति जताई

महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर के गोरेवाडा अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर का नाम बदलकर बालासाहेब ठाकरे गोरेवाडा अंतरराष्ट्रीय प्राणी उद्यान कर दिया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्क के नाम पर चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. उन्होंने गोंड जनजाति की संस्कृति और इतिहास को चित्रित करते हुए गोंडवाना थीम पार्क की स्थापना की घोषणा की.

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