एससी/एसटी उत्पीड़न मामलों में 2019 में हुई 11.46 प्रतिशत की वृद्धि: सरकार

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने राज्यसभा को बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों के उत्पीड़न से संबंधित मामलों में जहां 2017 की तुलना में 2018 में 11.15 प्रतिशत की कमी आई थी, वहीं, 2019 में इनकी संख्या में 11.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई. साल 2015 से 2019 के बीच उत्तर प्रदेश में लगातार सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

बस्तर के ‘शाहीन बाग’ में युवाओं के नेतृत्व वाला अनोखा आंदोलन

बस्तर संभाग के सुकमा ज़िले के सिलगेर गांव में सीआरपीएफ के कैंप के विरोध में खड़े हुए जनांदोलन को दबाने और माओवादी बताने की कोशिशें लगातार हो रही हैं, लेकिन इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के इतनी आसानी से ख़त्म हो जाने के आसार नज़र नहीं आते.

छत्तीसगढ़: मछली चुराने के आरोप में सात आदिवासी युवकों की बेरहमी से पिटाई, दस गिरफ़्तार

मामला बलरामपुर जिले के त्रिकुंडा थाना क्षेत्र का है. पुलिस के मुताबिक, बीते 15 जून को गांव के एक तालाब से मछलियां चुराने का आरोप लगाते हुए सात आदिवासी युवकों को जबरन गांव के सरपंच के पति सत्यम यादव के फार्महाउस ले जाया गया. जहां उन्हें पेड़ से बांध कर पिटाई की गई और उन पर 35-35 हज़ार रुपया जुर्माना लगाया गया. इस मामले में ग्राम पंचायत के सरपंच के पति समेत दस लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया

छत्तीसगढ़: ‘आदिवासियों को भी विकास चाहिए, लेकिन वैसे नहीं जैसे सरकार चाहती है’

बस्तर संभाग के सुकमा ज़िले के सिलगेर गांव में 20 दिनों से हज़ारों ग्रामीण आंदोलनरत हैं. उनका कहना है कि उन्हें जानकारी दिए बिना उनकी ज़मीन पर राज्य सरकार ने सुरक्षाबल के कैंप लगा दिए हैं. ग्रामीणों को हटाने के लिए हुई पुलिस की गोलीबारी में तीन ग्रामीणों की मौत हुई है, जिसके बाद से आदिवासियों में काफ़ी आक्रोश है.

ओड़िशा: माली पहाड़ के लोग क़रीब दो दशकों से कंपनियों और व्यवस्था के खिलाफ क्यों खड़े हैं

देश जब कोविड- 19 से जूझ रहा है तब ओडिशा के माली पहाड़ के लोग कंपनी और सरकार से जूझ रहे हैं. वे सरकार से पूछ रहे हैं कि महामारी में लोगों की आवाजाही तो प्रतिबंधित हो गई है, पर कंपनियों का आदिवासी इलाकों में प्रवेश कब बंद किया जाएगा?

नियमगिरि पर्व लोगों के प्रतिरोध का उत्सव है…

नियमगिरि में धरणी पेनु सबसे बड़ी शक्ति हैं, जो धरती का स्वरूप कही जाती हैं. लोगों का विश्वास है कि धरती की पूजा सबसे पहले होनी चाहिए. बीते दिनों इनकी उपासना करते हुए नियमगिरि पर्व मनाकर लोगों ने अपनी एकता को मजबूत करने का संकल्प लिया.

‘सरकारें आदिवासियों का संघर्ष नहीं समझतीं, अमीरों की बजाय इन्हें ध्यान में रख नीति बननी चाहिए’

साक्षात्कार: कोंध समुदाय से आने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नाचिका लिंगा चासी मुलिया आदिवासी संंघ के नेता हैं और लंबे समय से ओडिशा में नशामुक्ति, ज़मीन अधिकार और आदिवासियों को बंधुआ मज़दूर बनाए जाने के ख़िलाफ़ काम कर रहे हैं. उनसे जसिंता केरकेट्टा की बातचीत.

क्यों शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश को उग्र हिंदुत्व की राह पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं

विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश में बीते कुछ महीनों में नए धर्मांतरण क़ानून, कई शहरों में सांप्रदायिक तनाव, कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी की गिरफ़्तारी समेत कई घटनाएं शिवराज सरकार का बदला हुआ रूप दिखा रही हैं.

मध्य प्रदेश: नए धर्मांतरण क़ानून के तहत चार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

सिवनी ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि क्षेत्र के सिमरिया गांव में आदिवासियों को दबाव और लालच के सहारे धर्मांतरण कराने का प्रयास किया जा रहा था, जिसे लेकर चार लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.

महाराष्ट्र: आदिवासी नेताओं ने चिड़ियाघर का नाम बाल ठाकरे के नाम पर रखने पर आपत्ति जताई

महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर के गोरेवाडा अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर का नाम बदलकर बालासाहेब ठाकरे गोरेवाडा अंतरराष्ट्रीय प्राणी उद्यान कर दिया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्क के नाम पर चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. उन्होंने गोंड जनजाति की संस्कृति और इतिहास को चित्रित करते हुए गोंडवाना थीम पार्क की स्थापना की घोषणा की.

भारत मानवाधिकारों के समर्थकों को उचित सुरक्षा नही देताः संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि

मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि मैरी लॉलर एक ऑनलाइन कार्यक्रम में एल्गार परिषद मामले में हुई 83 वर्षीय स्टेन स्वामी की गिरफ़्तारी पर चिंता जताते हुए कहा कि देश मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति जवाबदेह है.

झारखंडः कैसा रहा हेमंत सोरेन का एक साल का कार्यकाल?

झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने पिछले एक साल में जन अपेक्षाओं के अनुरूप कुछ निर्णय तो लिए हैं, लेकिन चुनाव में गठबंधन द्वारा उठाए गए मुद्दों, घोषणा-पत्र में किए गए वादों एवं राज्य की आवश्यकताओं की तुलना में अभी भी कुछ ख़ास काम देखने को नहीं मिला है.

‘लव जिहाद’ को लेकर हो रही राजनीति संघी मनुवाद का नया संस्करण है

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाया गया ‘लव जिहाद' कानून और कुछ नहीं मनुस्मृति का ही नया रूप है, जो महिलाओं को समुदाय की संपत्ति मानकर ग़ुलाम बनाता है और संघर्षों से हासिल किए हुए अधिकारों को फिर छीन लेना चाहता है. यह जितना मुस्लिम विरोधी है, उतना ही हिंदू महिलाओं और दलितों का विरोधी भी है.

मनु का क़ानून और हिंदू राष्ट्र के नागरिकों के लिए उसके मायने

हिंदू राष्ट्र का ढांचा और उसकी दिशा मनुस्मृति में बताए क़ानूनी ढांचे के अंतर्गत ही तैयार होंगे और ये क़ानून जन्म-आधारित असमानता के हर पहलू- सामाजिक, आर्थिक और लैंगिक, सभी को मज़बूत करने वाले हैं.

सरना धर्म कोड: आदिवासियों को मिलेगी उनकी अपनी पहचान

आदिवासी स्वयं को किसी भी संगठित धर्म का हिस्सा नहीं मानते हैं इसलिए वे लंबे समय से अपने लिए अलग धर्म कोड की मांग करते रहे हैं. इस हफ़्ते झारखंड सरकार ने एक विशेष विधानसभा सत्र में 'सरना आदिवासी धर्म कोड' पर अपनी मुहर लगा दी है, जिसे अब केंद्र के पास भेजा जाएगा.

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