असम: सरकारी नौकरी पाने के लिए एससी, एसटी, आदिवासी को दो बच्चों के नियम से छूट दी गई

असम मंत्रिमंडल ने राज्य की क़रीब 11 लाख महिलाओं का सूक्ष्म ऋण माफ़ करने के लिए 1,800 करोड़ रुपये और सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान पेपर मिल्स (एचपीसी) की बंद पड़ी दो इकाइयों की परिसंपत्ति अधिग्रहित करने के लिए 700 करोड़ रुपये मंज़ूर किए. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि इससे 11 लाख महिलाओं के 25 हज़ार रुपये तक के क़र्ज़ माफ़ होंगे.

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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

असम मंत्रिमंडल ने राज्य की क़रीब 11 लाख महिलाओं का सूक्ष्म ऋण माफ़ करने के लिए 1,800 करोड़ रुपये और सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान पेपर मिल्स (एचपीसी) की बंद पड़ी दो इकाइयों की परिसंपत्ति अधिग्रहित करने के लिए 700 करोड़ रुपये मंज़ूर किए. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि इससे 11 लाख महिलाओं के 25 हज़ार रुपये तक के क़र्ज़ माफ़ होंगे.

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

धेमाजी: असम मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आदिवासी और अन्य पारंपरिक वनवासी समुदाय को सरकारी नौकरी पाने के लिए दो बच्चों वाले नियम से छूट प्रदान की.

एक सरकारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने इन समुदायों को असम लोक सेवा (सीधी भर्ती में छोटे परिवार के मानदंड का अनुपालन) नियम, 2019 के दायरे से छूट प्रदान की. बयान के मुताबिक, सरकार ने इन समुदायों को सरकारी सेवाओं में आने के लिए दो बच्चों के नियम की रुकावट को दूर किया.

हालांकि, इसने यह स्पष्ट नहीं किया कि असम सरकार को जनसंख्या नियंत्रण नीति को बदलने के लिए क्या प्रेरित किया, जिसकी शर्मा और उनके सहयोगियों द्वारा नियमित रूप से वकालत की जा रही थी.

बीते 19 जून में हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि असम सरकार विशिष्ट राज्य योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए धीरे-धीरे दो बच्चों की नीति लागू करेगी.

असम में वर्तमान में असम पंचायत अधिनियम, 1994 में 2018 में एक संशोधन के अनुसार, ग्राम पंचायत (ग्राम परिषद) चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता और कार्यात्मक स्वच्छता शौचालय की आवश्यकताओं के साथ दो बच्चों का मानदंड है.

बहरहाल इस बीच, असम मंत्रिमंडल ने राज्य की करीब 11 लाख महिलाओं का सूक्ष्म ऋण माफ करने के लिए 1,800 करोड़ रुपये और सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान पेपर मिल्स (एचपीसी) की बंद पड़ी दो इकाइयों की परिसंपत्ति अधिग्रहित करने के लिए 700 करोड़ रुपये मंजूर किए.

शर्मा ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया, ‘पहले चरण में हम उन महिलाओं के बारे में विचार कर रहे हैं, जिन्होंने नियमित आधार पर किस्त अदा की है. इससे 11 लाख महिलाओं के 25 हजार रुपये तक के कर्ज माफ होंगे.’

शर्मा ने कहा कि चेक वितरण का कार्य एक दिसंबर से शुरू होगा और अन्य श्रेणियों में ऋण लेने वालों को लाभ देने पर बाद में विचार किया जाएगा.

असम मंत्रिमंडल की बैठक पहली बार गुवाहाटी से 460 किलोमीटर दूर धेमाजी में बुलाई गई थी. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में जून तक 14 लाख लोगों ने सूक्ष्म कर्ज लिए थे और 12 हजार करोड़ रुपये के क्रेडिट पोर्टफोलियों में से राज्य सरकार को इस पर 7,200 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे.

राज्य सरकार ने इस साल 24 अगस्त को असम सूक्ष्म वित्तीय प्रोत्साहन और राहत योजना-2021 के लिए 38 सूक्ष्म ऋण कंपनियों और बैंकों से 12 हजार करोड़ रुपये के लिए करार किया था, जिससे लाखों महिला कर्जदाताओं को लाभ होगा.

शर्मा ने कहा कि 700 करोड़ रुपये पेपर मिल के लिए मंजूर किए गए हैं, जबकि 1,800 करोड़ रुपये की राशि सूक्ष्म ऋण की पहली किस्त भरने के लिए है.

उन्होंने कहा, ‘मंत्रिमंडल ने दो पेपर मिलों के लिए 700 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है. इनमें से 570 करोड़ रुपये की राशि कर्मचारियों की देनदारी के लिए होगी जबकि बाकी राशि का इस्तेमाल बिजली बिल भरने और तरलता (नकदी) उपलब्ध कराने के भुगतान में व्यय होगा.’

मालूम हो कि हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के असम स्थित बंद हो चुके नगांव और कछार पेपर मिल के 95 कर्मचारियों की मौत हो गई है.

दो पेपर मिल- हैलाकांडी जिले में कछार पेपर मिल एवं मोरीगांव जिले के जगीरोड में नगांव पेपर मिल हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड की इकाइयां थीं. ये दोनों मिलें क्रमश: अक्टूबर 2015 और मार्च 2017 से बंद पड़ी हैं.

शर्मा ने कहा कि औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद एसपीसी की जगीरोड स्थित पंचग्राम और नगांव मिल की 470 एकड़ जमीन असम सरकार को स्थानांतरित की जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)