ह्वाइट हाउस ने उस मीडिया रिपोर्ट का भी खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिका ने इस मुद्दे पर कनाडा के उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था, जिसमें उसने अपने सहयोगियों से संयुक्त बयान जारी करने का आग्रह किया था. भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जांच में ‘पारंपरिक मित्र और साझेदार सहयोग करेंगे’ और ज़िम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएंगे.
इज़रायल सरकार ने बीते जनवरी में न्यायपालिका में सुधार की योजना का ऐलान किया था. न्यायिक सुधार सरकार को जजों का चयन करने का अधिकार देंगे और क़ानूनों को ख़त्म करने की सुप्रीम कोर्ट की शक्ति को सीमित कर देंगे. इसके ख़िलाफ़ इज़रायल में प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है.